इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण का वैश्विक हब बना यूपी, देश का 55 फीसदी कर रहा मोबाइल फोन उत्पादन
मुंबई- देश में दुनियाभर की कंपनियां मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन पर जोर दे रही हैं। असल में कम मजदूरी लागत और कच्चे सामान की उपलब्धता के कारण ज्यादातर कंपनियां भारत में निवेश कर रही हैं। वहीं उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग व आईटी निवेश में प्रमुख निर्यातक राज्य के तौर पर उभर रहा है। राज्य में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग का निर्यात 82,000 करोड़ के पार कर गया है।
राज्य सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, वर्तमान में मोबाइल फोन बनाने में उत्तर प्रदेश की अकेला राज्य है, जहां से पूरे देश का 55 फीसदी उत्पादन हो रहा है। 2017 में इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात 3,862 करोड़ रुपये था। 2024-25 में बढ़कर 44,744 करोड़ हो गया। आईटी निर्यात 55,711 करोड़ से 82,055 करोड़ रुपये हो गया है। प्रदेश कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स के प्रमुख निर्यातक राज्य के रूप में उभर चुका है।
सेमीकंडक्टर पॉलिसी-2024 लागू होने के बाद इस क्षेत्र में बड़े निवेश की नई संभावनाएं खुल रही हैं। उत्तर प्रदेश में दुनिया भर की कंपनियां एसेम्बली यूनिट, डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग, कलपुर्जा प्लांट की स्थापना कर रही हैं। इससे देश की इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्षमता तेजी से बढ़ रही है। भूमि बैंक, प्रस्तावित सेमीकंडक्टर पार्क, बड़े पैमाने पर डाटा इंफ्रास्ट्रक्चर और इलेक्ट्रिक व्हीकल जैसे क्षेत्रों में निवेश के साथ राज्य अब भविष्य की तकनीकी छलांग के लिए पूरी तरह तैयार है।
निवेश केंद्र के तौर पर उभर रहा यूपी
उत्तर प्रदेश कम लॉजिस्टिक्स लागत, बेहतर कानून-व्यवस्था, सिंगल विंडो सिस्टम और तकनीकी कौशल से लैस मजबूत युवा कार्यबल ने दुनिया के निवेशकों को आकर्षित किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सुरक्षा, निवेश संरक्षण और इंडस्ट्रियल टाउनशिप आधारित अप्रोच ने यूपी के औद्योगिक विकास को गति दी है। उत्तर प्रदेश का उभरना यह दर्शाता है कि देश का टेक्नोलॉजी और विनिर्माण भविष्य बस महानगरों तक सीमित नहीं रहेगा।
राज्य सरकार की नीति ने किया काम
करीब नौ वर्षों में राज्य सरकार ने पारंपरिक उद्योगों के साथ भविष्य आधारित डिजिटल अर्थव्यवस्था पर विशेष जोर दिया है। इलेक्ट्रॉनिक्स कलपुर्जा विनिर्माण नीति -2025 के जरिये यूपी वैश्विक निवेशकों का भरोसा जीतने में सफल हुआ है। बेहतर कारोबारी माहौल, सरल प्रक्रियाएं, विश्वस्तरीय इन्फ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक्स नेटवर्क ने सेमीकंडक्टर कलपुर्जा, आईटी सेवाओं और डाटा आधारित उद्योगों की स्थापना को नए आयाम दिए हैं।

