निप्पॉन से लेकर इन फंड हाउसों की स्कीमों ने निवेशकों को जमकर डुबाया
मुंबई- म्यूचुअल फंड में मिलने वाले आकर्षक रिटर्न को देखकर आज लोग जमकर इसमें निवेश कर रहे हैं। लेकिन म्यूचुअल फंड में मिलने वाला रिटर्न शेयर बाजार पर निर्भर करता है। इसलिए इसमें आपका पैसा डूबने का भी खतरा रहता है।
देश के बड़े फंड हाउसों में निप्पान से लेकर इन फंड हाउसों ने जमकर आपका पैसा डुबाया है।
| फंड | घाटा |
| सैमको ELSS टैक्स सेवर फंड | 16.40% |
| बंधन निफ्टी आईटी इंडेक्स फंड | 14.20% |
| एक्सिस निफ्टी आईटी इंडेक्स फंड | 14.20% |
| निप्पॉन इंडिया निफ्टी आईटी इंडेक्स फंड | 14.00% |
| नवी निफ्टी आईटी इंडेक्स फंड | 14.00% |
| मिरै एसेट निफ्टी स्मॉलकैप 250 मोमेंटम क्वालिटी 100 ईटीएफ एफओएफ | 13% |
| DSP निफ्टी स्मॉलकैप 250 क्वालिटी 50 इंडेक्स फंड | 12.20% |
| क्वांट टेक फंड | 12.20% |
म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय यह ध्यान रखें
बीटा (Beta)
अगर ये बेंचमार्क 1 से कम हो, तो आपके द्वारा चुना गया फंड कम जोखिम वाला है। वहीं अगर ये एक से ज्यादा हो तो इसे रिस्की माना जाता है।
स्टैंडर्ड डेविएशन (Standard Deviation) जब हम किन्हीं दो फंड्स की तुलना करते हैं, उस समय स्टैंडर्ड डेविएशन देखा जाता है। इसका प्रतिशत जितना कम हो, फंड को उतना कम जोखिम वाला माना जाता है। मान लीजिए एक फंड का स्टैंडर्ड डेविएशन 5 फीसदी है और दूसरे का 10 फीसदी, तो पहला फंड कम जोखिम वाला होगा।
शार्प रेश्यो (Sharpe Ratio)
शार्प रेश्यो के जरिए आप म्यूचुअल फंड में जोखिम का आराम से पता लगा सकते हैं। अगर शार्प रेश्यो 1.00 से कम है, तो रिस्क कम होगा। अगर यहीं शार्प रेश्यो 1.00 से 1.99 के बीच है, तो रिस्क सामान्य रहेगा। ऐसे ही अगर शार्प रेश्यो 2.00 से 2.99 है, तो रिस्क काफी हाई रहेगा। अगर शार्प रेश्यो 3 से भी ज्यादा है, तो ऐसे फंड में रिस्क बहुत ज्यादा हाई रहता है।

