स्विगी के निवेशकों को लगी भारी चपत, शेयर गिरकर आईपीओ के भाव पर
मुंबई- फूड डिलीवरी कंपनी स्विगी के निवेशकों को भारी चपत लगी है। कंपनी के शेयर गिरते-गिरते इश्यू प्राइस 390 रुपये के करीब पहुंच गया है। यह भाव शेयर के सबसे ऊंचे स्तर 617 रुपये से 36% कम है। कंपनी का शेयर पिछले साल 13 नवंबर को लिस्ट हुआ था और 23 दिसंबर को यह 617 रुपये के ऑल-टाइम हाई पर पहुंचा था। लेकिन अब बीएसई पर यह 393.70 रुपये तक गिर गया। ब्रोकरेज फर्मों की राय भी इस शेयर के भविष्य को लेकर बंटी हुई है, जिससे मौजूदा अनिश्चितता और बढ़ गई है।
स्विगी के शेयरों में लिस्टिंग के बाद काफी तेजी देखी गई थी। लिस्टिंग के करीब डेढ़ महीने के अंदर ही शेयर 58% बढ़कर 617 रुपये के शिखर पर पहुंच गया था। लेकिन यह खुशी ज्यादा दिन नहीं टिकी। अगले छह महीनों में शेयर में भारी गिरावट आई और यह 52% लुढ़ककर मई में 297 रुपये के निचले स्तर पर पहुंच गया। इसके बाद इसका भाव अपने सबसे निचले स्तर से थोड़ा सुधरा है लेकिन तब से यह निवेशकों का भरोसा फिर से नहीं जीत पाया है।
लिस्टिंग के बाद से कंपनी का घाटा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। सितंबर में खत्म हुई तिमाही में, स्विगी का कंसोलिडेटेड नेट लॉस 1,092 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की इसी अवधि के 626 करोड़ रुपये के नेट लॉस से ज्यादा है। यह बढ़ता हुआ घाटा मुख्य रूप से कंपनी के क्विक कॉमर्स (तेज़ डिलीवरी) बिजनेस के विस्तार के कारण है। फिर भी कंपनी का रेवेन्यू पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 54% बढ़कर 5,561 करोड़ रुपये हो गया है।
Nuvama Institutional Equities का मानना है कि स्विगी की मौजूदा मुश्किलों की वजह 2019 से 2024 के बीच के छूटे हुए मौके हैं। इस दौरान स्विगी फूड डिलीवरी में जोमैटो से पिछड़ गई। वहीं, क्विक कॉमर्स में शुरुआत करने के बावजूद वह Blinkit और Zepto से पिछड़ गई। Bernstein और Nuvama दोनों ही स्विगी के लिए कुछ सकारात्मक संकेत देख रहे हैं और उन्होंने इस शेयर को खरीदने करने की सलाह दी है। Nuvama ने शेयर के लिए 510 रुपये का लक्ष्य मूल्य रखा है।

