सेबी का असर, ग्रो, अपस्टॉक्स, जीरोधा और एंजल वन के 20 लाख ग्राहक घटे

मुंबई। वायदा एवं विकल्प यानी एफएंडओ में खुदरा निवेशकों को डूबने से बचाने के लिए बाजार नियामक सेबी का कड़ा नियम अब ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म वाले ब्रोकरों पर भारी पड़ रहा है। इस साल जनवरी से जून के बीच इन प्लेटफॉर्मों के 20 लाख सक्रिय ग्राहक घट गए हैं। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज यानी एनएसई के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।

एनएसई के आंकड़ों के अनुसार, ग्राहकों की संख्या में यह भारी गिरावट तब आई है, जब लगातार चार महीनों के दौरान शेयर बाजार में अच्छी खासी तेजी बनी रही। देश के शीर्ष चार ब्रोकर्स ग्रो, जीरोधा, एंजल वन और अपस्टॉक्स के लिए इस साल की पहली छमाही काफी मुश्किल रही है। अकेले जून में इन ब्रोकर्स के 6 लाख यूजर्स कम हो गए हैं।

बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एफएंडओ सेगमेंट में ट्रेडिंग के लिए नियम सख्त कर दिया है। इससे अब इन ब्रोकरों के ग्राहक इनसे किनारा कर रहे हैं। सक्रिय ग्राहकों की संख्या के हिसाब से ग्रो देश का सबसे बड़ा ब्रोकर है। राजस्व के लिहाज से जीरोधा सबसे बड़ा ब्रोकर है।

जनवरी से जून के बीच सबसे ज्यादा ग्रो के ग्राहक घटे हैं जो 6 लाख हैं। इसी तरह जीरोधा के 5.4 लाख, एंजल वन के 4.5 लाख और अपस्टॉक्स के तीन लाख ग्राहक घट गए हैं। ग्रो, जीरोधा, एंजल वन और अपस्टॉक्स ने मिलकर 2024 में लगभग एक करोड़ सक्रिय ग्राहक जोड़े थे। हालांकि, इस वर्ष इनके ग्राहकों की संख्या में गिरावट आई है।

डीमैट खातों की वृद्धि आठ तिमाहियों में सबसे निचले स्तर पर आ गई। पहली तिमाही में केवल 69.1 लाख डीमैट खाते खुले हैं। जून के अंत तक नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरीज लि. और सेंट्रल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरीज लि. के पास 19.91 करोड़ डीमैट खाते थे, जिनकी संख्या मई में 19.66 करोड़ थी।

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