क्विक कॉमर्स कंपनियां ग्राहकों से ले रहीं भारी रकम, 57 का सामान का 200 रुपये

मुंबई- मिनटों में किराना पहुंचाने वाली क्विक कॉमर्स कंपनियां चुपचाप ग्राहकों पर अतिरिक्त बोझ डाल रही हैं। इसके लिए डिलीवरी के अलावा हैंडलिंग चार्ज, मेंबरशिप फीस, रेन फीस, प्रोसेसिंग फीस, प्लेटफॉर्म फीस और व्यस्त समय में सर्ज चार्ज भी वसूले जा रहे हैं। यह सब स्टैंडर्ड डिलीवरी और प्लेटफॉर्म चार्ज से अलग है।

एक व्यक्ति ने जब जेप्टो से 57 रुपए के स्नैक्स मंगवाए तो बिल 200 रुपए पहुंच गया। इसमें 13 रुपए हैंडलिंग चार्ज, 35 रुपए स्मार्ट कार्ट फी, 75 रुपए डिलीवरी चार्ज और 1 रुपए मेंबरशिप फीस जुड़ी थी। जीएसटी ने कीमत और बढ़ा दी।

दूसरे व्यक्ति ने ब्लिंकिट से 306 रुपए की आइसक्रीम मंगवाई। डिलीवरी चार्ज भले ही शून्य था, पर 9 रुपए हैंडलिंग व 30 रुपए सर्ज चार्ज जुड़ गया, जिससे बिल 346 हो गया। ये चार्ज ऐसे वक्त में लिए जा रहे हैं जब कंपनियां भारी घाटे में हैं। जनवरी-मार्च 2024 में ब्लिंकिट को 178 करोड़, स्विगी इंस्टामार्ट को 840 करोड़ रुपए का घाटा हुआ।

सुविधा शुल्क आमतौर पर लेनदेन राशि का 3% तक होता है, लेकिन लोकलसर्कल्स की स्टडी के मुताबिक इन अलग-अलग शुल्कों की वजह से 300 का ऑर्डर ग्राहकों को 400 से 450 रुपए तक का पड़ रहा है। 321 जिलों के 40 हजार से अधिक कंज्यूमर्स के सर्वे में, 62% ने बताया कि उन्हें ऑनलाइन ऑर्डर पर सुविधा शुल्क चुकाना पड़ा है।

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