इजराइल और ईरान संघर्ष से अदाणी का अरबों डॉलर का निवेश बुरे फंसा
मुंबई- भारत और एशिया के दूसरे बड़े रईस गौतम अडानी की अगुवाई वाले अडानी ग्रुप ने इजराइल में बहुत पैसा लगाया है। हाइफा पोर्ट जैसे महत्वपूर्ण बंदरगाह और रक्षा क्षेत्र में भी निवेश किया है। इजराइल और ईरान के बीच तनाव बढ़ने से अडानी के इन निवेशों पर खतरा मंडरा रहा है। निवेशकों में भी डर का माहौल है।
इजराइल ने ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर हमला किया है। इसे दोनों देशों के बीच लंबे संघर्ष की शुरुआत माना जा रहा है। इससे मध्य पूर्व में अडानी के अरबों डॉलर के निवेश को खतरा पैदा हो गया है। शुक्रवार को अडानी ग्रुप के शेयरों पर भी इसका असर देखने को मिला। अडानी पोर्ट्स के शेयर 3% से अधिक गिरकर 1396 रुपये पर आ गए थे। अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर भी कारोबार के दौरान 2.8% गिरकर 2469.55 रुपये पर आ गए।
अडानी पोर्ट्स ने 2023 में इजराइल के Gadot Group के साथ मिलकर 1.2 अरब डॉलर में इसकी 70% हिस्सेदारी खरीदी थी। यह बंदरगाह उत्तरी इजराइल में है और अडानी पोर्ट्स के सालाना कार्गो वॉल्यूम में लगभग 3% का योगदान करता है। यह इजराइल के आयात और निर्यात के लिए बहुत जरूरी है।
अभी के हालात को देखते हुए अडानी के हाइफा पोर्ट पर कई तरह के खतरे हैं। जैसे कि कार्गो में देरी हो सकती है और जहाजों के रास्तों को बदला जा सकता है। इजराइल के दक्षिणी हिस्से में ज्यादा लड़ाई हो रही है। हाइफा पोर्ट उत्तरी हिस्से में होने के कारण थोड़ा सुरक्षित है।
पहले भी जब इस इलाके में तनाव बढ़ा था, तब अडानी पोर्ट्स के शेयर गिर गए थे। जहाजों को आने-जाने में परेशानी हो रही थी। बाजार के जानकारों का कहना है कि अडानी का इस पोर्ट में भले ही कम पैसा लगा हो, लेकिन यह उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए, अगर यहां लंबे समय तक तनाव बना रहता है, तो उन्हें नुकसान हो सकता है।