खाद्य पदार्थों की कीमतें घटने से 73 माह के निचले स्तर पर आएगी खुदरा महंगाई
मुंबई- खाद्य वस्तुओं की कीमतों में लगातार आ रही गिरावट से खुदरा महंगाई 73 महीने के निचले स्तर पर आ सकती है। बैंक ऑफ बड़ौदा की रिपोर्ट के मुताबिक, मई में यह घटकर 2.7 फीसदी रह सकती है, जो अप्रैल में 67 महीने के निचले स्तर 3.16 फीसदी पर रही थी। फरवरी, 2019 में खुदरा मुद्रास्फीति की दर 2.57 फीसदी रही थी। महंगाई दर में गिरावट से मौजूदा चक्र में आरबीआई को नीतिगत दरों में और ज्यादा कटौती के लिए और मदद मिलेगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि बेहतर उत्पादन के कारण सब्जियों और दालों के दाम में बड़ी गिरावट आई है। सामान्य से अधिक मानसून की उम्मीद भी अच्छी है। प्याज और आलू के प्रमुख उत्पादक राज्यों में पहले ही ज्यादा बारिश हो चुकी है। ऐसे में बारिश पर नजर रखने की जरूरत है, क्योंकि मई में टमाटर और आलू की कीमतों में भी कुछ क्रमिक वृद्धि हो गई है।
हालांकि, टमाटर, प्याज और आलू की अच्छी आवक और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने की कीमतों में नरमी से मुद्रास्फीति पर अंकुश लगेगा। अप्रैल की तुलना में मई में 20 वस्तुओं में से 10 की कीमतों में तेज गिरावट आई है। टमाटर की खुदरा कीमत लगातार 5वें महीने भी घटी है, हालांकि इसकी गति धीमी रही है। आलू और प्याज की कीमतों में भी क्रमशः 16.3 फीसदी और 15 फीसदी की भारी गिरावट आई है। दालों के दाम भी मामूली रूप से घटे हैं।
मसूर दाल के लिए खुदरा कीमतों में गिरावट लगातार 10वें महीने रही। मई, 2025 में अरहर की खुदरा कीमत में सालाना आधार पर 18.9 फीसदी की गिरावट देखी गई। बेहतर उत्पादन और अधिक आयात से दालों की कीमतों की गिरावट को समर्थन मिला है। अनाजों में चावल की खुदरा कीमत 4.5 फीसदी घट गई है। वित्त वर्ष 2024-25 में दालों के आयात में 46.3 फीसदी की वृद्धि हुई। सालाना आधार पर आटा की खुदरा कीमत 2.5 फीसदी तक बढ़ी है। गुड़, चाय और नमक पैक जैसी विविध वस्तुओं के दाम में भी नरमी देखी गई। खाद्य तेलों के भाव स्थिर रहे।

