जापान को चाहिए लाखों लोग, 2030 में 64 लाख कामगारों की होगी जरूरत

मुंबई- जो भारतीय छात्र विदेश में डिग्री हासिल करने की सोच रहे हैं, उन्हें जापान जाने के बारे में एक बार जरूर सोचना चाहिए। देश की मिनिस्ट्री ऑफ इकोनॉमी, ट्रेड एंड इंडस्ट्री (METI) के मुताबिक, जापान में 2030 तक 64.4 लाख कर्मचारियों की कमी होने वाली है। इस कमी की वजह से विदेशी छात्रों के लिए नौकरी के अवसर बढ़ेंगे। उनके लिए जॉब पाना आसान होगा।

जापान में कर्मचारियों की कमी उन भारतीय छात्रों के लिए एक बड़ा अवसर है, जो विदेश में डिग्री हासिल कर वहीं बसना चाहते हैं। जापान की आबादी तेजी से बूढ़ी हो रही है। 28% से ज्यादा लोग 65 साल से ज्यादा उम्र के हैं। इसलिए काम करने वाले लोगों की संख्या कम हो रही है। जापान में वर्कर्स की कमी सबसे ज्यादा टेक्नोलॉजी, हेल्थकेयर और मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में होने वाली है।

पोस्ट-स्टडी वर्क वीजा: जापान में पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी ढूंढने के लिए Designated Activities Visa मिलता है। यह वीजा 1 साल तक के लिए होता है। Specified Skilled Worker (SSW) वीजा से ग्रेजुएट छात्र लंबे समय तक जरूरी इंडस्ट्री में काम कर सकते हैं। टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में कई कंपनियां अंग्रेजी बोलने वाले लोगों को नौकरी दे रही हैं।

करियर से जुड़ी पढ़ाई: जापान में शिक्षा करियर से जुड़ी हुई है। जापान की यूनिवर्सिटी का इंडस्ट्री के साथ अच्छे संबंध हैं। इसका मतलब है कि छात्रों को Sony, Rakuten, Toyota या Hitachi जैसी कंपनियों में इंटर्नशिप करने का मौका मिलता है। इसके अलावा, यूनिवर्सिटी में जॉब फेयर और प्लेसमेंट सेल भी होते हैं, जो विदेशी छात्रों को नौकरी ढूंढने में मदद करते हैं। जापान में AI, रोबोटिक्स, सस्टैनिबिलिटी और गेमिंग जैसे खास कोर्स भी उपलब्ध हैं।

सुरक्षित और इनोवेटिव देश: जापान दुनिया का सबसे सुरक्षित देश है। इनोवेशन के मामले में जापान दुनिया के टॉप तीन देशों में शामिल हैं। यहां की साफ-सफाई की चर्चा दुनियाभर में होती है। जापान की संस्कृति में समय का पाबंद होना बहुत अच्छा माना जाता है। यहां के पब्लिक ट्रांसपोर्ट की क्वालिटी भी काफी अच्छी है। इस वजह से जापान में पढ़ने का अनुभव दुनिया के बाकी हिस्सों से काफी अलग है। (Pexels)

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