विदेशी निवेशकों का भारतीय बाजार में सितंबर के बाद अब हुआ रिकॉर्ड निवेश
मुंबई- अमेरिकी टैरिफ और कई देशों के बीच चल रहे तनाव के बावजूद विदेशी संस्थागत निवेशक यानी एफआईआई भारतीय बाजार में लौट आए हैं। इन्होंने सितंबर के बाद से अब तक का सर्वाधिक 18,620 करोड़ रुपये का निवेश इस महीने किया है। इससे पहले सितंबर में इन निवेशकों ने 57,724 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे थे। यही नहीं, 27 मार्च के बाद किसी एक दिन में शुक्रवार को रिकॉर्ड 8,831 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
आंकड़े बताते हैं कि एफआईआई जब भी भारतीय बाजार से पैसे निकाले हैं, बाजार में भारी गिरावट दिखी है। भले ही घरेलू निवेशकों ने अच्छी खासी रकम लगाई हो। जब एफआईआई ने वापसी की तो बाजार ने अच्छी खासी तेजी दिखाई। पिछले साल सितंबर तक लगातार भारी निवेश के कारण बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी बीएसई ने रिकॉर्ड 85,978 का आंकड़ा पार किया था। पर उसके बाद से जो भारी निकासी एफआईआई ने की, बाजार भी 14,000 अंक तक टूट गया।
उदाहरण के तौर पर अक्तूबर में एफआईआई ने 94,017 करोड़ की निकासी की थी। तब 31 अक्तूबर को बीएसई सेंसेक्स 79,389 पर बंद हुआ। यानी 26 सितंबर को रिकॉर्ड बनाने वाला सेंसेक्स एक महीने में ही 6,000 से ज्यादा टूट गया। नवंबर में विदेशी निवेशकों ने 21,612 करोड़ निकाले। दिसंबर में हालांकि इन निवेशकों ने 15,446 करोड़ रुपये का निवेश किया तो सेंसेक्स नवंबर की तुलवा में मामूली गिरकर 78,139 पर बंद हुआ।
इस साल जनवरी में विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार से 78,027 करोड़ रुपये की निकासी की। हालांकि, सेंसेक्स पर बहुत असर तो नहीं हुआ और यह 600 अंकों से ज्यादा गिरकर बंद हुआ। फरवरी में 34,574 करोड़ रुपये की निकासी हुई और सेंसेक्स 4,300 अंकों से ज्यादा गिर गया। मार्च में यह निकासी कम होकर केवल 3,973 करोड़ रुपये रह गई और इस दौरान सेंसेक्स 2,800 अंकों से ज्यादा बढ़त के साथ बंद हुआ।
अप्रैल में विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार में 4,223 करोड़ रुपये का निवेश किया। इससे बीएसई सेंसेक्स 2,600 अंकों से ज्यादा की बढ़त के साथ बंद हुआ। मई में अब तक इन निवेशकों ने 18,620 करोड़ रुपये का निवेश किया और सेंसेक्स 2,000 से ज्यादा बढ़कर बंद हुआ। दुनियाभर के बाजारों में अभी भी हालात बहुत अच्छे नहीं हैं। पर इस साल जनवरी से लेकर अब तक सेंसेक्स ने 4,000 अंकों से ज्यादा बढ़त हासिल की।