देश की सड़कों पर 2032 तक दौड़ेंगे 12.3 करोड़ से ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहन

मुंबई- देश में इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने की दर तेजी से बढ़ रही है। अनुमान है कि 2032 तक 12.3 करोड़ इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) होंगे।इंडिया एनर्जी स्टोरेज अलायंस और कस्टमाइज्ड एनर्जी सॉल्यूशंस की रिपोर्ट के अनुसार, विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम और 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन प्राप्त करने के लिए ईवी को अपनाने की जरूरत है।

रिपोर्ट के अनुसार, ईवी अपनाने और शून्य उत्सर्जन के कारण भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। इस तीव्र वृद्धि को सरकारी नीतियों से बढ़ावा मिला है। इनमें फेम-2 योजना के साथ इलेक्ट्रिक दोपहिया, तिपहिया और चार पहिया वाहनों की भारी मांग भी मदद कर रही है।

2030 तक इलेक्ट्रिक दोपहिया और तिपहिया वाहनों के लिए ईवी पैठ 80 प्रतिशत, निजी इलेक्ट्रिक चार पहिया वाहनों के लिए 30 प्रतिशत, वाणिज्यिक कारों के लिए 70 प्रतिशत और इलेक्ट्रिक बसों के लिए 40 प्रतिशत तक पहुँच जाएगी। वर्तमान में दोपहिया और तिपहिया वाहनों की हिस्सेदारी 93 प्रतिशत से अधिक है। चार पहिया का हिस्सा 6 फीसदी और बस एवं ट्रक का एक फीसदी से कम हिस्सा है।

फाडा के मुताबिक, भारत में कुल यात्री ईवी की खुदरा बिक्री अप्रैल में 56.87 प्रतिशत बढ़कर 12,233 इकाई हो गई। अप्रैल, 2024 में 7,798 इकाई थी। दोपहिया की कुल बिक्री 40 फीसदी बढ़कर 91,791 इकाई हो गई।

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