अदाणी के भतीजे प्रणव अदाणी पर सेबी ने लगाया इनसाइडर ट्रेडिंग का आरोप

नई दिल्ली। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से मचे भूचाल के बीच अदाणी समूह अब एक नए मामले में चर्चा में आ गया है। बाजार नियामक सेबी ने अदाणी समूह की कई कंपनियों में निदेशक प्रणव अदाणी पर इनसाइडर ट्रेडिंग का आरोप लगाया है। उनको नोटिस भी भेजा गया है। सेबी का आरोप है कि प्रणव ने कंपनियों से जुड़ी संवेदनशील और अंदरूनी जानकारियों को कुछ लोगों के साथ साझा किया है, जो सीधे-सीधे नियमों का उल्लंघन है।

प्रणव अदाणी अदाणी समूह के मालिक गौतम अदाणी के भतीजे हैं। पिछले साल सेबी ने प्रणव को एक नोटिस भेजा था। इसमें आरोप लगाया कि अदाणी ग्रीन के 2021 में सॉफ्टबैंक समर्थित एसबी एनर्जी होल्डिंग्स के अधिग्रहण की जानकारी प्रणव ने अपने बहनोई के साथ साझा की थी।

प्रणव ने कहा, उन्होंने नियमों का कोई उल्लंघन नहीं किया है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि वे आरोपों को स्वीकार करने या अस्वीकार किए बिना सेबी के साथ मामले का निपटारा करना चाहते हैं। सूत्रों ने बताया, समझौते की शर्तों पर चर्चा की जा रही है। यह जांच अदाणी समूह के लिए नई चुनौती है। पिछले साल अमेरिकी अधिकारियों ने गौतम अदाणी और अदाणी ग्रीन के दो अधिकारियों पर भारतीय बिजली आपूर्ति अनुबंध हासिल करने के लिए कथित तौर पर रिश्वत देने और अमेरिकी निवेशकों को गुमराह करने का आरोप लगाया था।

सेबी के दस्तावेज में कहा गया है कि प्रणव अदाणी ने अपने बहनोई कुणाल शाह को एसबी एनर्जी अधिग्रहण से संबंधित मूल्य संवेदनशील जानकारी दी। 2021 में इनसाइडर ट्रेडिंग नियमों से संबंधित नियमों का उल्लंघन किया। सेबी ने जांच में कॉल रिकॉर्ड और ट्रेडिंग पैटर्न की समीक्षा कर इसका पता लगाया था। कुणाल शाह और उनके भाई नृपाल शाह ने इसके बाद अदाणी ग्रीन के शेयरों में ट्रेडिंग किया और 90 लाख रुपये का अवैध मुनाफा कमाया।

शाह बंधुओं ने अपनी कानूनी फर्म द्वारा भेजे गए एक बयान में कहा कि ये सौदे किसी अप्रकाशित मूल्य संवेदनशील जानकारी या किसी दुर्भावनापूर्ण इरादे से नहीं किए गए थे। संबंधित जानकारी पहले से ही सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध थी। 17 मई, 2021 को अदाणी ग्रीन द्वारा 3.5 अरब डॉलर के एंटरप्राइज मूल्य पर एसबी एनर्जी का अधिग्रहण भारत में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में अब तक का सबसे बड़ा अधिग्रहण है।

सेबी ने कहा, सौदे से पहले ही प्रणव अदाणी को 16 मई, 2021 से दो-तीन दिन पहले अधिग्रहण के बारे में पता चल गया था। सूत्रों ने बताया कि सेबी ने प्रस्ताव दिया था कि कुणाल और नृपाल शाह भी समझौता करें लेकिन भाइयों ने इसे मानने से इन्कार कर दिया, क्योंकि उन्हें सेबी की शर्तें बहुत कठिन लगीं। प्रणव अदाणी की निपटान याचिका पर सेबी द्वारा प्रक्रिया की चल रही समीक्षा पूरी होने के बाद विचार किया जाएगा।

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