आईडीएफसी फर्स्ट बैंक का मैनेजर 84 लाख रुपये की धोखाधड़ी में गिरफ्तार
मुंबई- डिजिटल अरेस्ट कर एक महिला के साथ 84 लाख से अधिक रुपये की ठगी करने के मामले में साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के मैनेजर को गिरफ्तार किया है। गिरफ्त में आए आरोपी के पास से मोबाइल फोन और दस्तावेज बरामद हुए हैं। उसके 4 साथियों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।
डीसीपी साइबर प्रीति यादव ने बताया कि बीते साल एक महिला ने साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि ठगों ने पार्सल में ड्रग्स होने का डर दिखाया और डिजिटल अरेस्ट कर उसके साथ 84 लाख 16 हजार 989 रुपये की ठगी कर ली। ठगों ने महिला को 23 जून से 25 जून 2024 तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा और जांच के नाम पर उसकी पूरी जमा पूंजी विभिन्न खातों में ट्रांसफर करा ली। मामला संज्ञान में आते ही पुलिस ने केस दर्ज किया और ठग गिरोह तक पहुंचने के लिए एक टीम गठित की।
इसी साल ठगी में शामिल राम सिंह, नरेंद्र और अक्षय को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। मामले में बैंक के कर्मचारी सोनू पाल पुत्र चंद्र प्रकाश धनाश सेक्टर-14, वेस्ट चंडीगढ़ स्थायी पता ग्राम दलावल सामोली जनपद सीतापुर उत्तर प्रदेश की भी संलिप्तता सामने आई। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस बीते कई दिनों से संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही थी आखिर टीम ने सोनू पाल को दबोच लिया। जिस निजी बैंक का वह कर्मचारी है वहां के प्रबंधन को भी सोनू की ठगी में संलिप्तता की जानकारी दे दी गई है।
अभियुक्त ने पूछताछ करने पर पुलिस को बताया कि वह IDFC FIRST BANK DIS-SAS NAGAR पंजाब में करंट खाते खुलवाने का कार्य करता है, इसी क्रम मे अभियुक्त ने धोखाधड़ी पूर्वक खाताधारक का खाता खुलवा लिया और फिर खाते की अंतरिम जानकारी को टेलीग्राम ग्रुप के माध्यम से विदेशी नागरिक को भेज दिया। पीडिता के लगभग 69,78,894 लाख रुपये धोखाधड़ी के इस बैक खाते में प्राप्त हुए। जिसमें उसे साइबर अपराधियों से 2 लाख रुपये का कमीशन दिया।