जग्गी जैसा कोई नहीं, जेनसोल के नाम पर कर्ज लेकर निजी रूप से किया खर्च

मुंबई- कभी रिन्यूएबल एनर्जी और ब्लू स्मार्ट जैसी रातों रात इलेक्ट्रिक वाहन कंपनी खड़ी करने वाले जग्गी बंधु बुरी तरह घिर गए हैं। जेनसोल के नाम से कर्ज लिया और फिर इसे महंगे घर खरीदने से लेकर तमाम चीजों पर खर्च किया।

दो भाई अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी कभी रिन्यूएबल एनर्जी क्षेत्र के पोस्टरबॉय थे। इन्होंने दो महत्वपूर्ण उद्यम जेनसोल इंजीनियरिंग और ब्लूस्मार्ट मोबिलिटी शुरू की। तेजी से कारोबार बढ़ाने के बाद जग्गी बंधु अब सूचीबद्ध कंपनी जेनसोल की कर्ज राशि को निजी उपयोग के लिए गबन करने के मामलों में सुर्खियों में हैं। बाजार नियामक सेबी ने मंगलवार को फंड की हेराफेरी और गवर्नेंस संबंधी मुद्दों के कारण उन्हें प्रतिभूति बाजारों से प्रतिबंधित कर दिया।

2019 में जग्गी बंधुओं ने सह संस्थापक पुनीत के गोयल के साथ मिलकर ब्लूस्मार्ट मोबिलिटी लॉन्च की। ब्लूस्मार्ट भारत की पहली ऑल इलेक्ट्रिक राइड हेलिंग सेवा के रूप में उभरी। पिछले कुछ वर्षों में जेनसोल ने अविश्वसनीय तरीके से वृद्धि की। कंपनी की बिक्री वित्त वर्ष 2016-17 में 61 करोड़ रुपये से बढ़कर 2023-24 में 1,152 करोड़ हो गई। 2024-25 में यह 1,297 करोड़ हो गई। इसी दौरान परिचालन लाभ 2 करोड़ से बढ़कर 209 करोड़ और शुद्ध लाभ 2 करोड़ से बढ़कर 80 करोड़ रुपये हो गया।

जेनसोल 2019 में बीएसई एसएमई प्लेटफॉर्म पर सूचीबद्ध होने के बाद 2023 में बीएसई और एनएसई के मुख्य प्लेटफॉर्म पर सूचीबद्ध हुई। पिछले साल कंपनी का शेयर 1,126 रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर था जो 16 अप्रैल, 2025 को 123 रुपये पर आ गया।

सेबी को जून, 2024 में शेयर मूल्य में हेरफेर की शिकायत प्राप्त हुई। उसके बाद मामले की जांच शुरू कर दी गई। सेबी के मुताबिक, जेनसोल ने जाली पत्र प्रस्तुत करके सेबी, क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों, ऋणदाताओं और निवेशकों को गुमराह करने का प्रयास किया था। इक्रा ने कहा, जेनसोल ने कर्ज से संबंधित झूठा दस्तावेज दिया।

जेनसोल ने इरेडा से 71.41 करोड़ रुपये का कर्ज लिया और अपने खाते से 26 करोड़ रुपये और मिलाकर 97 करोड़ कार डीलर गो ऑटो को भेज दिए। गो ऑटो ने जेनसोल के मालिकों की दूसरी कंपनी कैपब्रिज वेंचर्स को 50 करोड़ भेज दिए। इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए कंपनी की ओर से लिए गए कर्ज का उपयोग आंशिक रूप से डीएलएफ गुड़गांव के द कैमेलियास में उच्च श्रेणी का अपार्टमेंट खरीदने के लिए किया गया था, जो उस फर्म के नाम पर था, जिसमें जेनसोल के एमडी और उनके भाई भागीदार हैं।

जग्गी बंधुओं ने इरेडा और पीएफसी के लिए गए कर्ज में से 66 लाख रुपये का संयुक्त अरब अमीरात दिरहम खरीदा। अशनीर ग्रोवर की कंपनी थर्ड यूनिकॉर्न को 50 लाख रुपये दिए और इसमें भी अनमोल सिंह जग्गी शेयरधारक हैं। टाइटन को 17 लाख रुपये देकर घड़ियां और आभूषण खरीदे।

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