डाबर इंडिया बुरे फंसी, हाईकोर्ट का आदेश, विज्ञापन में दावों को साबित करो

मुंबई- दिल्ली हाईकोर्ट ने डाबर इंडिया लिमिटेड को फ्लोराइड-बेस्ड टूथपेस्ट के खिलाफ अपने दावे को साबित करने का आदेश दिया है। डाबर ने अपने एक एडवरटाइजमेंट्स में दावा किया कि टूथपेस्ट में फ्लोराइड की वजह से बच्चों का IQ कम हो सकता है। इसके अलावा इससे हड्डियां कमजोर होती हैं और दांतों पर धब्बे जैसी कई स्वास्थ्य से जुड़ी बीमारियां भी हो सकती हैं।

हाईकोर्ट ने डाबर को निर्देश दिया है कि वह अपने ऐड में किए गए दावों के सपोर्ट में वैज्ञानिक आधार पेश करे। डाबर के एडवरटाइजमेंट कैंपेन में इस तरह के दावों पर रोक लगाने के लिए दायर कोलगेट-पामोलिव की याचिका पर यह आदेश आया है।

कोलगेट का आरोप है कि डाबर के विज्ञापन भ्रामक थे और फ्लोराइड-बेस्ड टूथपेस्ट को खराब बता रहे थे। कंपनी के इस तरह के विज्ञापनों से परोक्ष रूप से कोलगेट टूथपेस्ट को निशाना बनाया जा रहा था। जस्टिस बंसल ने डाबर और कोलगेट को जवाब दाखिल करने के लिए दो हफ्ते का समय दिया है। मामले की अगली सुनवाई 27 मई को होगी।

कोलगेट ने तर्क दिया है कि वर्ल्ड ओरल हेल्थ डे पर डाबर के प्रिंट ऐड में छपी टैगलाइन ‘क्या आपके पसंदीदा टूथपेस्ट में फ्लोराइड है?’। यह टैगलाइन कोलगेट के प्रोडक्ट पर इनडायरेक्ट हमला है, जिसमें फ्लोराइड है और यह मार्केट लीडर है। कोलगेट ने कहा कि दांतों की सड़न को रोकने के लिए दुनियाभर के स्वास्थ्य अधिकारियों ने रेगुलेटेड अमाउंट (1000 ppm तक) में फ्लोराइड को यूज करने की मंजूरी दी है। कंपनी ने तर्क दिया कि डाबर का कैंपेन गलत प्रतिद्वंद्विता को दर्शाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *