खुदरा महंगाई से मिलेगी राहत, मार्च में 3.47 फीसदी रहने का अनुमान
मुंबई- रेपो दर में आरबीआई की दूसरी बार 0.25 फीसदी की कटौती के बाद अब खुदरा महंगाई से भी आम लोगों को राहत मिल सकती है। मार्च में खुदरा महंगाई 3.47 फीसदी रह सकती है। यह पांच वर्षों में सबसे कम होगी, जो फरवरी में 3.61 फीसदी रही थी। इससे जून में ब्याज दरों को घटाने की और ज्यादा संभावना बढ़ जाएगी। आंकड़े शुक्रवार को जारी हो सकते हैं।
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकनॉमी (सीएमआईई) के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में खुदरा महंगाई की औसत दर 4.64 प्रतिशत रहने का अनुमान है। 2023-24 में यह 5.36 प्रतिशत थी। यानी एक फीसदी से ज्यादा की गिरावट हो सकती है। गिरावट इसलिए आएगी क्योंकि सब्जियों और दालों की कीमतों में लगातार नरमी आ रही है।
सीएमआईई ने कहा, खाद्य मुद्रास्फीति मार्च में तीन प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो फरवरी में 3.3 प्रतिशत थी। यह सब्जियों और दालों के साथ अनाज, अंडे, मछली और मांस के दाम में कमी के कारण हुआ। हालांकि, चीनी, खाद्य तेल, दूध और फलों में मुद्रास्फीति के दबाव ने बाधा उत्पन्न की है।
मार्च में सब्जियों की कीमतों में 5.1 प्रतिशत गिरावट का अनुमान है। नवंबर से फसल की आवक के साथ कीमतों में सुधार हो रहा है। उपभोक्ता मामलों के विभाग के मुताबिक, खुदरा कीमतों और मंडी की आवक से पता चलता है कि मार्च में भी कीमतों में गिरावट जारी रही। टमाटर, प्याज और आलू की कीमत औसतन क्रमशः 21 रुपये, 34.4 रुपये और 23.8 रुपये प्रति किलोग्राम थी।
पिछले 6-8 महीनों से प्रमुख सब्जियों की कीमतें तेजी से गिरी हैं। जुलाई-नवंबर, 2024 में टमाटर, प्याज और आलू के भाव क्रमशः 65.6 रुपये, 56.3 रुपये और 37.3 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गए थे। पिछले तीन महीनों में मंडियों में लहसुन, अदरक, गोभी और बैगन की आवक एक साल पहले की तुलना में अधिक रही, जिससे इनकी कीमतें भी तेजी से घटी हैं।
मार्च में दालों की कीमतों में 2.3 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान है। खरीफ की अच्छी फसल के कारण अरहर की कीमतों में 5.2 प्रतिशत की गिरावट आई। रबी की फसल से पहले चने की कीमतों में दो प्रतिशत की गिरावट आई। मूंग, मसूर और उड़द जैसी अन्य दालों के भाव भी घटे हैं। कुल मिलाकर, नवंबर से ही महंगाई के बास्केट में शामिल चीजों की कीमतों में कमी आ रही है।
सीएमआईई का अनुमान है कि मार्च में अनाज की मुद्रास्फीति घटकर 5.3 प्रतिशत रह गई है। फरवरी की तुलना में मार्च में गेहूं-आटे की कीमतों में 0.1-0.7 प्रतिशत की गिरावट आई है। अन्य खाद्य पदार्थों में मुद्रास्फीति बढ़ने की संभावना है। विशेष रूप से, तेल और वसा के भाव फरवरी में 16.4 प्रतिशत से बढ़कर मार्च में 17.2 प्रतिशत होने की उम्मीद है। सरसों, सूरजमुखी और सोयाबीन तेल की खुदरा कीमतें मार्च 2025 में बढ़ गई हैं, जबकि पिछले साल इसी महीने में कीमतों में गिरावट आई थी।