देश के 22 पर्सेंट अमीर विदेश में बसना चाहते हैं, सालाना 25 लाख जाते हैं बाहर

मुंबई-देश के कम से कम 22% अमीर लोग अब विदेश में बसना चाहते हैं। बेहतर जीवन, अच्छी शिक्षा और कारोबार में आसानी जैसे कारण इसकी वजह हैं। एक सर्वे में पता चला है कि अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और यूएई उनकी पसंदीदा जगहें हैं। हर साल लगभग 25 लाख भारतीय दूसरे देशों में जाकर बस जाते हैं।

कोटक प्राइवेट और ईवाई के सर्वे में कहा गया है कि बड़ी संख्‍या में बेहद अमीर भारतीय लोग विदेश में बसने की सोच रहे हैं। सर्वे में 150 अमीर लोगों से बात की गई। इससे पता चला कि 22% अमीर लोग भारत से बाहर जाकर बसना चाहते हैं।

विदेश जाने की कई वजहें हैं। कुछ लोग मानते हैं कि विदेश में जीवन का स्तर बेहतर है। वहां स्वास्थ्य सेवाएं अच्छी हैं और शिक्षा भी बेहतर मिलती है। कुछ लोग कारोबार करने में आसानी के लिए विदेश जाना चाहते हैं। यूएई जैसे देश ‘गोल्डन वीजा’ योजना चलाते हैं। इससे अमीर लोगों को वहां बसने में आसानी होती है। इसलिए, ये देश अमीर लोगों की पसंद बने हुए हैं।

विदेश मंत्रालय के अनुसार, हर साल लगभग 25 लाख भारतीय दूसरे देशों में जाकर बस जाते हैं। यह एक बड़ी संख्या है। इससे पता चलता है कि बहुत से लोग भारत से बाहर बेहतर अवसर तलाश रहे हैं।

सर्वे में शामिल पांच में से एक अमीर व्यक्ति विदेश जाने की तैयारी कर रहा है या योजना बना रहा है। ज्यादातर लोग अपनी भारतीय नागरिकता नहीं छोड़ना चाहते। वे बस दूसरे देश में रहने का परमिट चाहते हैं। लोगों ने विदेश जाने को ‘भविष्य में निवेश’ बताया। उन्होंने कहा कि वे अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देना चाहते हैं। इसलिए वे विदेश जाने का विकल्प चुन रहे हैं।

कोटक महिंद्रा बैंक की अध्यक्ष गौतमी गावनकर ने कहा कि विदेश जाने को देश से पैसे का बाहर जाना नहीं मानना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार ने नियम बनाए हैं जिससे यह सुनिश्चित होता है कि अगर कोई व्यक्ति विदेश में बस भी जाए तो भी बहुत ज्यादा पैसा देश से बाहर न जाए।

गावनकर ने बताया कि भारत में रहने वाला कोई भी व्यक्ति हर साल सिर्फ 2,50,000 अमेरिकी डॉलर ही विदेश भेज सकता है। लेकिन, जो लोग विदेश में जाकर बस जाते हैं, उन्हें 10 लाख अमेरिकी डॉलर भेजने की अनुमति है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि देश से बहुत ज्यादा पैसा बाहर न जाए।

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