उबर को हुआ भारत में 89 करोड़ रुपये का घाटा, घटिया सेवा देने का असर
मुंबई- उबर इंडिया मजबूत राजस्व वृद्धि के बावजूद मुनाफे को लेकर संघर्ष कर रही है, क्योंकि बढ़ते खर्चों ने कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन पर एक बड़ा असर डाला है। कंपनी का कुल खर्च वित्त वर्ष 2024 में 26.4 प्रतिशत बढ़कर 3,977 करोड़ रुपये हो गया, जिसमें मुख्य रूप से कर्मचारी लागत, कानूनी शुल्क, विज्ञापन और परिचालन व्यय शामिल हैं।
कर्मचारी लागत कुल खर्च का लगभग 68 प्रतिशत है, जो मार्च 2024 को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष में 29.4 प्रतिशत बढ़कर 2,690 करोड़ रुपये हो गया। वित्त वर्ष 2024 में कंपनी का घाटा 71.4 प्रतिशत घटकर 89 करोड़ रुपये रह गया, जो पिछले वित्त वर्ष में 311 करोड़ रुपये था।
कंपनी का राजस्व सालाना आधार पर 41.1 प्रतिशत बढ़कर 3,700 करोड़ रुपये से अधिक हो गया। वित्त वर्ष 2023 में 2,666 करोड़ रुपये था। इस राजस्व का एक बड़ा हिस्सा इसकी मूल कंपनी, उबर बीवी को प्रदान की गई इंजीनियरिंग सहायता सेवाओं और बैक-ऑफिस फंक्शंस से आया।
इस बीच, कंपनी के मुख्य राइड-हेलिंग बिजनेस ने केवल 807 करोड़ रुपये कमाए, जो 18.9 प्रतिशत की धीमी दर से बढ़ रहा था। हाल की रिपोर्टों से पता चलता है कि उबर इंडिया ब्लूस्मार्ट मोबिलिटी का अधिग्रहण करने पर विचार कर रहा है। यह एक ऐसा कदम होगा जो कंपनी की वित्तीय स्थिति में सुधार कर सकता है।