कार्यप्रणाली में पारदर्शिता बढ़ाएगा सेबी, हितों के टकराव का होगा खुलासा

मुंबई। पूंजी बाजार नियामक सेबी अपनी कार्यप्रणाली में पारदर्शिता बढ़ाएगा। विश्वास निर्माण के लिए अपने बोर्ड सदस्यों के हितों के टकराव का भी खुलासा करेगा। एक ऐसा ढांचा लाया जाएगा, जिसके तहत सेबी बोर्ड के सदस्यों को हितों के टकराव के बारे में जनता को बताना होगा। सेबी के चेयरमैन तुहिन कांत पांडे ने बिना नाम लिए नियामक की पूर्व प्रमुख माधबी पुरी बुच पर निशाना साधा। गौरतलब है कि बुच हितों के टकराव को लेकर लगातार निशाने पर रही हैं।

तीन साल तक सेबी की कमान संभालने वाली बुच अपने कार्यकाल के आखिर में आलोचनाओं के घेरे में आ गईं। बंद हो चुकी हिंडनबर्ग रिसर्च ने उनके पिछले निवेशों के कारण अदाणी समूह में नियामक की जांच में हितों के टकराव का आरोप लगाया था। सेबी प्रमुख का पदभार संभालने के बाद पहली बार एक कार्यक्रम में तुहिन कांड पांडे ने कहा, हमें न केवल सभी हितधारकों का भरोसा अपने ऊपर बनाना है, बल्कि हमें उस भरोसे को बनाए भी रखना है।

उन्होंने कहा, विदेशी निवेशकों से जुड़े विनियमनों को और अधिक युक्तिसंगत बनाया जाएगा। लंबे समय तक विदेशी पूंजी की मौजूदगी से बुनियादी ढांचे के विकास, नवाचार और विकास को और अधिक बढ़ावा मिलेगा। हम जिस गति से विकास करना चाहते हैं, उसके लिए हमें विकास की गति को समर्थन देने के लिए घरेलू और विदेशी पूंजी दोनों की जरूरत है। भारत दीर्घकालिक निवेश के लिए एक उज्ज्वल स्थान है।

हम विदेशी निवेशकों के साथ बातचीत करने के लिए तैयार हैं, ताकि उनकी कठिनाइयों का समाधान किया जा सके। सेबी विदेशी पूंजी के लिए समावेशी माहौल बनाने के लिए तैयार है। विदेशी निवेशकों ने फरवरी में बाजार से करीब 35,000 करोड़ रुपये निकाले हैं। सेबी चेयरमैन ने यह भी बताया कि चालू वित्त वर्ष (अप्रैल-जनवरी) में 4 लाख करोड़ रुपये इक्विटी बाजार से जुटाए गए हैं।

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