वित्तीय सुरक्षा की चिंता, 44 फीसदी महिलाएं खरीद रहीं एक करोड़ का टर्म बीमा
मुंबई- देश में महिलाएं तेजी से वित्तीय सुरक्षा की जिम्मेदारी ले रही हैं। टर्म इंश्योरेंस खरीदने वाली लगभग 44 प्रतिशत महिलाएं अब एक करोड़ रुपये या उससे अधिक का कवर ले रही हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, निवेश संबंधी पॉलिसियों, स्वास्थ्य बीमा और टर्म जीवन बीमा में महिलाओं की भागीदारी काफी बढ़ गई है।
आंकड़ों के मुताबिक, यह बदलाव वित्तीय निर्णय लेने में तेजी से बदलाव का हिस्सा है, जो कार्यबल में अधिक भागीदारी और डिजिटल वित्तीय साधनों तक बढ़ती पहुंच से प्रेरित है। चालू वित्त वर्ष में टर्म इंश्योरेंस खरीदने वाली महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़कर 18 प्रतिशत हो गई है। इसमें वेतनभोगी महिलाएं 49 प्रतिशत के साथ सबसे आगे हैं। 39 प्रतिशत के साथ गृहिणियां दूसरे स्थान पर हैं।
31 से 40 वर्ष की महिलाएं सबसे अधिक बीमा खरीद रही हैं, जो कुल खरीदारी का 48 प्रतिशत है। इस उम्र की महिलाओं को विवाह, माता-पिता बनने और घर खरीदने जैसे महत्वपूर्ण वित्तीय पड़ावों से निपटना होता है। स्वास्थ्य बीमा में पॉलिसी प्रस्तावक के रूप में महिलाओं की भागीदारी दो वर्षों में 15 प्रतिशत से बढ़कर 22 प्रतिशत हो गई है। ज्यादा महिलाएं उच्च कवरेज का विकल्प चुन रही हैं, जिनमें से 70-75 प्रतिशत 10 लाख रुपये या उससे अधिक की बीमा राशि चुन रही हैं।
40 वर्ष से अधिक आयु की महिलाएं बढ़ती चिकित्सा लागत से खुद को सुरक्षित करने पर विशेष ध्यान दे रही हैं। कई महिलाएं एक करोड़ रुपये के कवरेज को सस्ता बनाने के लिए सुपर टॉप-अप ले रही हैं। निवेश से जुड़ी बीमा योजनाओं में भी महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है। यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (यूलिप) में कुल निवेश का 18 प्रतिशत हिस्सा महिलाओं का है।