तेलंगाना में शराब का होगा टोटा, तीन कंपनियां बंद कर सकती हैं सप्लाई

मुंबई- तेलंगाना में शराब का टोटा हो सकता है। इसकी वजह यह है कि तीन बड़ी शराब कंपनियों ने तेलंगाना सरकार से 46.6 करोड़ डॉलर यानी करीब 40,03,37,79,561 रुपये की मांग की है। इनमें डियाजियो, पर्नो रिका और कार्ल्सबर्ग शामिल हैं।

तेलंगाना उन राज्यों में शामिल है जहां शराब की सबसे ज्यादा खपत होती है। लेकिन किंगफिशर ने पहले ही वहां बीयर की सप्लाई सस्पेंड कर दी है। राज्य में बीयर की कुल सप्लाई में इस कंपनी की 70% हिस्सेदारी है। भारत वॉल्यूम के हिसाब से दुनिया का आठवां बड़ा शराब बाजार है। पिछले साल अल्कोहल मार्केट का रेवेन्यू करीब 45 अरब डॉलर रहा था। अलग-अलग राज्यों में शराब पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी अलग-अलग है।

किंगफिशर बीयर बनाने वाली कंपनी यूनाइटेड ब्रुअरीज का कहना है कि तेलंगाना सरकार ने 2019-20 से शराब की कीमत में बढ़ोतरी नहीं की है। साथ ही उसे पेमेंट मिलने में भी देरी हो रही है। इससे कंपनी को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। तेलंगाना भारत का सबसे बड़ा बीयर मार्केट है। तेलंगाना में केवल सरकारी डिपो से ही शराब की सप्लाई हो सकती है। डिपो फिर इसे रिटेलर्स को बेचते हैं। यही कारण है कि कंपनियों को पेमेंट के लिए राज्य सरकार पर निर्भर रहना पड़ता है। अल्कोहल इंडस्ट्री के सूत्रों का कहना है कि तेलंगाना सरकार पर बीयर और व्हिस्की कंपनियों का 40 अरब रुपये बकाया है।

बुधवार को तेलंगाना के मंत्री जे कृष्णा राव ने कहा कि यूनाइटेड ब्रुअरीज कीमत बढ़ाने के लिए दबाव डालना चाहती है और इसलिए उसे बीयर की सप्लाई रोकने की रणनीति अपनाई है। राव ने कहा कि राज्य पर कंपनी के 6.6 अरब रुपये बकाया है लेकिन उन्होंने भुगतान में देरी की वजह नहीं बताई। उन्होंने बाकी कंपनियों के बकाये के बारे में भी नहीं बताया।

राज्य सरकार पर व्हिस्की और स्कॉच बनाने वाली कंपनियों का बकाया और भी ज्यादा है। पर्नो रिका ने 15 अरब रुपये की मांग की है जबकि डियाजियो के करीब 10 अरब रुपये बकाया हैं। हालांकि इनमें से किसी भी कंपनी ने टिप्पणी नहीं की। Heineken की कंपनी यूनाइटेड ब्रुअरीज की 2023-24 में सेल 183 अरब रुपये रही।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *