इन्फोसिस संस्थापक नारायण मूर्ति बोले, 70 घंटे के काम को कब्र के साथ ले जाऊंगा

मुंबई- इंफोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति ने हफ्ते में 70 घंटे काम करने वाले अपने विवादास्पद बयान का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि भारत की प्रगति के लिए कड़ी मेहनत बहुत जरूरी है। एक कार्यक्रम में मूर्ति ने कहा – मुझे खेद है, मैंने अपना दृष्टिकोण नहीं बदला है। मैं इसे अपने साथ कब्र तक ले जाऊंगा।

उन्होंने कहा कि वह 1986 में भारत के 6 दिन वर्किंग वीक से 5 दिन वीक के बदलाव से निराश थे। भारत के विकास के लिए त्याग की आवश्यकता है, न कि आराम की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हफ्ते में 100 घंटे काम करने की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए उन्होंने कहा,’जब प्रधानमंत्री मोदी इतनी मेहनत कर रहे हैं, तो हमारे आसपास जो भी हो रहा है, उसे हम अपने काम के जरिए ही एप्रीशिएट कर सकते हैं।

पिछले साल 2023 में नारायण मूर्ति ने देश के युवाओं को हफ्ते में 70 घंटे काम करने की सलाह दी थी। इसके बाद सोशल मीडिया कई अलग-अलग धड़ों में बंट गया था। मूर्ति के इस बयान के बाद उनकी जितनी आलोचना हुई उतना ही साथ भी मिला था।

इससे पहले जनवरी में नारायण मूर्ति ने कहा था परिवार को कंपनी से अलग रखना एक गलत फैसला था। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता था कि कॉर्पोरेट गवर्नेंस का मतलब है कि इसमें परिवार शामिल ना हो। क्योंकि उन दिनों ज्यादातर बिजनेस परिवार वाले थे, जिनमें परिवार के बच्चे आते और कंपनी चलाते थे। इनमें कॉर्पोरेट के नियमों का भारी उलंघन होता था।

नारायण मूर्ति ने भारत के दूसरे सबसे बड़े टेक फर्म इंफोसिस की स्थापना 1981 में की थी। तब से लेकर 2002 तक कंपनी के CEO रहे थे। इसके बाद 2002 से 2006 तक बोर्ड के चेयरमैन रहे। अगस्त 2011 में चेयरमैन एमेरिटस की उपाधि के साथ मूर्ति कंपनी से रिटायर हो गए थे।

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