टपरवेयर हो गई, 5860 करोड़ रुपये का कंपनी पर है कर्ज, बिक्री भी घट गई

मुंबई- किचनवेयर आइटम बनाने वाली टपरवेयर (Tupperware) अब कंपनी प्रतिस्पर्धा की दौड़ में पिछड़ गई है। कंपनी पर करीब 5860 करोड़ रुपये का कर्ज हो गया है। बिक्री में गिरावट और कर्ज चुकाने में नाकाम रहने पर इस कंपनी ने अपनी कुछ सहायक कंपनियों के साथ अमेरिका में दिवालियापन के लिए आवेदन किया है।

टपरवेयर अमेरिका की कंपनी है। इसकी शुरुआत 1946 में हुई थी। किचन में इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक के रंग-बिरंगे बर्तनों लिए टपरवेयर एक लोकप्रिय ब्रांड रहा है। भारत समेत दुनियाभर के कई देशों में इसके प्रोडक्ट मिलते हैं। हमारे सहयोगी इकनॉमिक टाइम्स के अनुसार पिछले कुछ वर्षों में इस कंपनी को बाजार में उपभोक्ताओं के बीच अपनी लोकप्रियता बनाए रखने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।

प्रोडक्ट की बिक्री में आई कमी के कारण कंपनी को अब काफी घाटा हो रहा है। कंपनी के अध्यक्ष और सीईओ लॉरी एन गोल्डमैन ने कहा कि पिछले कई वर्षों में कंपनी की वित्तीय स्थिति काफी खराब रही है। इससे कंपनी की वित्तीय स्थिति पर बुरा असर पड़ा है।

कोरोना के बाद प्लास्टिक रेजिन जैसे कई जरूरी कच्चे माल की लागत में उछाल आ गया था। साथ ही कंपनी में काम करने वाले लोगों की मजदूरी भी बढ़ गई थी। इसके अलवा माल ढुलाई की लागत में भी वृद्धि हुई। इन चीजों के कंपनी के मार्जिन को काफी कम कर दिया और कंपनी को नुकसान होता चला गया। अगस्त में कंपनी ने कहा था कि उसे नकदी की समस्या का सामाना करना पड़ रहा है। साथ ही कंपनी ने अपने निवेशकों को भी इसकी जानकारी दी थी कि कंपनी पर भारी कर्ज है। इससे उसे कारोबार चलाने में परेशानी हो रही है।

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