टॉप कंपनियों में कर्मचारियों और अधिकारियों की सैलरी में 1700 गुना का अंतर

मुंबई- भारत में IT सेक्टर में काम करने वाले नॉर्मल कर्मचारी और कंपनी के CEO के बीच सैलरी का अंतर पिछले 5 साल में लगातार बढ़ा है। भारत की टॉप कंपनियों में यह अंतर 1700 गुना तक है। एसेंचर, इंफोसिस, विप्रो और एचसीएल में ये अंतर काफी बढ़ा है, जबकि IBM में CEO और कर्मचारी की सैलरी के बीच का ये अंतर कम हुआ है।

2023 में CEO के कुल कंपनसेशन में स्टॉक ग्रांट लगभग 70% हिस्सा था। स्टॉक ग्रांट का औसत मूल्य 2023 में 10.7% बढ़कर 9.4 मिलियन डॉलर हो गया। इससे कंपनसेशन काफी बढ़ा है। इंफोसिस के फाउंडर NR नारायण मूर्ति ने कहा था कि CEO का कंपनसेशन (सैलरी+ स्टॉक ग्रांट) लोएस्ट लेवल एमप्लॉई का लगभग 25 से 40 गुना होना चाहिए। लेकिन अब उनकी अपनी कंपनी में, CEO सलिल पारेख का कंपनसेशन औसत रेमुनरेशन का लगभग 700 गुना है।

यह अंतर विप्रो में सबसे ज्यादा है। पूर्व CEO थिएरी डेलापोर्ट को 2023-24 में 20 मिलियन डॉलर (करीब 168 करोड़ रुपए) बतौर कंपनसेशन दिया गया। जबकि कंपनी में काम करने वाले सामान्य कर्मचारियों को औसत 9.8 लाख रुपए दिए गए। यह अंतर 1702 गुना ज्यादा है। 2023-24 में एक साल के भीतर, HCL के CEO सी विजयकुमार के कंपनसेशन और औसत कर्मचारी की सैलरी के बीच का रेश्यो 253:1 से बढ़कर 2023-24 में 707:1 हो गया। यानी एक साल में CEO को कर्मचारी की तुलना में 707 गुना ज्यादा सैलरी दी गई।

एक्सेंचर की चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर CEO जूली स्वीट का वित्त वर्ष 2023 में पैकेज 31.5 मिलियन डॉलर (264 करोड़ रुपए) था। यह एक्सेंचर में काम करने वाले कर्मचारी के औसत वेतन $49,842 (41.84 लाख रुपए) से 633 गुना ज्यादा था। यह औसत वेतन FY2019 के $50,512 (42.40 लाख रुपए) से कम था।

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