दूसरी तिमाही में तीन सरकारी तेल कंपनियों को 2,749 करोड़ रुपये का घाटा
मुंबई- दूसरी तिमाही में देश की तीन प्रमुख सरकारी तेल कंपनियों भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि (बीपीसीएल), इंडियन ऑयल (आईओसी) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि (एचपीसीएल) को 2,749 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। सरकार ने हाल में इन तीनों को 22,000 करोड़ रुपये की मदद भी की थी, बावजूद इसके ये कंपनियां घाटे से नहीं उबर पाईं।
सरकार अगर ये रकम न देती तो इनका घाटा और ज्यादा हो सकता था। शेयर बाजारों को दी सूचना में इन कंपनियों ने कहा है कि पेट्रोल, डीजल और घरेलू एलपीजी गैस पर मार्जिन गिरने से उनको घाटा हुआ है। इंडियन ऑयल ने बताया कि जुलाई-सिंतबर में उसे 272.35 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। उसकी पहली तिमाही में 1,995.30 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था।
एचपीसीएल को 2,172.14 करोड़ रुपये का घाटा हुआ जबकि पहली तिमाही में इसे 10,196.94 करोड़ का नुकसान हुआ था। बीपीसीएल को 304.17 करोड़ रुपये का घाटा दूसरी तिमाही में और पहली तिमाही में 6,263.05 करोड़ का घाटा हुआ था। तीनों तेल कंपनियों को पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) के दौरान कुल 21,201.18 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। यह किसी भी छमाही में अब तक का सबसे अधिक नुकसान इन तीनों का रहा है।
हालांकि, तीनों को सरकार लगातार एलपीजी सब्सिडी दे रही है। तीनों लगातार अंतररराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतों के मुकाबले घरेलू बाजार में कम भाव पर तेल बेच रही हैं। पिछले सात महीने से इन तीनों तेल कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है।