छह रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ा, गेहूं, मसूर भी शामिल
मुंबई- मोदी सरकार ने देश के अन्नदाता की सुध लेते हुए दिवाली से पहले दूसरा तोहफा दिया। प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में 2023-24 के लिए छह रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने पर मुहर लग गई। इसमें सबसे अधिक मसूर दाल के एमएसपी में 500 रुपये की बढ़ोतरी हुई, वहीं सरसों में प्रति क्विंटल 400 रुपये बढ़ाए गए हैं। मोदी ने इससे पहले सोमवार को किसान सम्मान निधि की 12वीं किस्त जारी की थी। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रबी फसलों के एमएसपी में तीन से नौ फीसदी की बढ़ोतरी को मंजूरी दी है।
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, मोदी सरकार ने साल 2018 में किसानों को उसकी उपज की लागत का डेढ़ गुना अधिक कीमत देने की नीति बनाई थी। इस क्रम में सरकार कई फसलों की लागत का दोगुना से भी अधिक भुगतान कर रही है।
ठाकुर ने कहा, मंत्रिमंडल की बैठक में गेहूं के एमएसपी में 110 रुपये प्रति क्विंटल, जौ में 100 रुपये, चना में 105 रुपये, मसूर में 500 रुपये, सरसों में 400 रुपये और सूरजमुखी के एमएसपी में 209 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी का फैसला किया गया है। गौरतलब है कि एमएसपी कमेटी ने इन छह फसलों के एमएसपी में तीन से नौ फीसदी की बढ़ोतरी की सिफारिश की थी।
केंद्र की सत्ता में आने के बाद किसानों की संपन्नता ही मोदी सरकार का लक्ष्य रहा है। केंद्र ने किसानों की आर्थिक समृद्धि के लिए अपने प्रयास किए हैं। दुनिया में खाद की कीमतों में तेज बढ़ोतरी का असर देश के किसानों पर नहीं पडऩे दिया गया है। दलहन और तिलहन क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने के तमाम प्रयास किए गए हैं। इस क्रम में कई फसलों की एमएसपी पर तीन सौ फीसदी से भी अधिक की बढ़ोतरी की गई है।
MSP वह न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी गारंटेड मूल्य है जो किसानों को उनकी फसल पर मिलता है। भले ही बाजार में उस फसल की कीमतें कम हो। इसके पीछे तर्क यह है कि बाजार में फसलों की कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव का किसानों पर असर न पड़े। उन्हें न्यूनतम कीमत मिलती रहे।