वेदांता के शेयर में सोमवार को आ सकती है गिरावट, ऐसे में इसमें खरीदारी करना रहेगा फायदे का सौदा
मुंबई- वेदांता लिमिटेड की डिलिस्टिंग फेल होने के बाद अब इसके शेयरों में गिरावट आने की आशंका है। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि सोमवार को जब बाजार खुलेगा तो इसमें गिरावट आएगी। ऐसे में अगर यह शेयर यहां से 25 प्रतिशत तक गिरता है तो इसे खरीदा जा सकता है। आनंद राठी ब्रोकरेज हाउस के रिसर्च एनालिस्ट नरेंद्र सोलंकी कहते हैं कि सोमवार को इस शेयर में गिरावट दिख सकती है। क्योंकि जो उम्मीद निवेशकों को थी उसके उलट अब इसमें बिकवाली की जाएगी। ऐसे में यह शेयर अब इसी हिसाब से चलता रहेगा।
के.आर. चौकसी के एमडी देवेन चौकसी कहते हैं कि इस शेयर में गिरावट आ सकती है। क्योंकि जिन लोगों ने डिलिस्टिंग के ऑफर के बाद इसे ट्रेडिंग के लिए लिया था, वे अब बेचना शुरू करेंगे। ऐसे में गिरावट बढ़ेगी। एक बात पक्की है कि यह शेयर अब नीचे के भाव में नहीं बिकेगा। प्रमोटर्स ने नीचे के भाव में कोशिश कर ली है। अब यह हो सकता है कि प्रमोटर्स इसे एक नए भाव पर बेच सकते हैं।
वे कहते हैं कि इसे डिलिस्ट करने के लिए प्रमोटर्स को अब ज्यादा भाव देना होगा, जो निश्चित तौर पर निवेशकों के लिए अच्छा होगा। वे कहते हैं कि अगर यह शेयर 90-95 रुपए के स्तर पर आता है तो इसमें बहुत अच्छी खरीदारी का मौका आएगा। इस भाव पर खरीद कर आगे अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। कुछ विश्लेषक कहते हैं कि जिस तरह से डिलिस्टिंग में निवेशकों ने 155-175 से 320 रुपए तक शेयरों का भाव ऑफर किया है, ऐसे में यह तय है कि आगे भी यह इसी भाव में बिकेगा। ऐसे में यह समय इसमें निवेश करने का है। वैसे इसमें जिन लोगों ने पहले निवेश किया था, उनका अनुमान यही था कि शेयर 500 रुपए तक जा सकता है। पर डिलिस्टिंग प्रक्रिया ने इस शेयर पर ग्रहण लगा दिया।
सीएनआई रिसर्च के चेयरमैन किशोर ओस्तवाल कहते हैं कि सोमवार को इस स्टॉक पर दबाव दिखेगा। हमने 110 रुपए पर इसे खरीदने का कॉल दिया था। मेरा मानना है कि यह स्टॉक सोमवार को गिरेगा और निवेशकों को खरीदना चाहिए। वे कहते हैं कि 13 अक्टूबर से पहले कंपनी रिवाइज प्राइस पर काउंटर ऑफर कर सकती है। इसका मतलब कि कंपनी एक नए भाव पर फिर से डिलिस्ट का ऑफर कर सकती है।
वे कहते हैं कि कंपनी डिलिस्ट होगी। आज नहीं तो 6 महीने बाद होगी। इस शेयर का फेयर वैल्यू 200 रुपए से कम नहीं है। ऐसे में प्रमोटर्स हो सकता है कि इस भाव के आस पास ऑफर करे। निवेशकों को इस समय खरीदी करना चाहिए। बता दें कि स्टॉक एक्सचेंज को दी गई जानकारी में कहा गया है कि कंपनी को 125.47 करोड़ शेयरों के लिए बिड मिली थी। जबकि उसके डिलिस्ट होने के लिए 134 करोड़ शेयरों की जरूरत थी। ऐसे में कंपनी का यह ऑफर फेल हो गया है।
यह बिड 5 अक्टूबर को खुली थी और शुक्रवार को बंद हुई। कंपनी को डिलिस्टिंग के लिए 134.12 करोड़ शेयर्स की जरूरत थी। इसके बाद प्रमोटर्स की होल्डिंग 90 प्रतिशत से ज्यादा हो जाती, जो सेबी के नियमों के मुताबिक जरूरी थी। कंपनी के कुल फुली पेड अप शेयरों की संख्या 356.10 करोड़ है। इसमें से 90 प्रतिशत का मतलब 320.49 करोड़ शेयर हुए। इसमें से प्रमोटर्स के पास 186.36 करोड़ शेयर हैं। पब्लिक के पास 169.73 करोड़ शेयर हैं। कुल बिड 125.47 करोड़ शेयर्स के लिए मिली। इस तरह से पिछले 6 महीनों से डिलिस्ट करने की कोशिश में अनिल अग्रवाल फेल हो गए।

