उत्तर प्रदेश में भाजपा के नेता मार कर भगाए जा रहे, देखिए यहां के हालात

मुंबई- उत्तर प्रदेश में कई जगह लोग भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों का विरोध कर रहे हैं। गांव में न घुसने देने का जो ट्रेंड किसान आंदोलन के बीच चल रहा था, वही फिर से शुरू हो गया। 20 से 30 जनवरी के बीच 9 नेताओं को जनता का विरोध झेलना पड़ा। विरोध से एक प्रत्याशी तो इतना हलकान हो गए कि अपने ही क्षेत्र की जनता के खिलाफ FIR दर्ज करवा दिया।

सुरेंद्र चौधरी प्रयागराज जिले से एमएलसी हैं। 29 जनवरी को केशव प्रसाद मौर्य के लिए सिराथू प्रचार करने गए थे। अफजलपुर वारी के लोगों ने गांव में घुसने से पहले ही रोक लिया। सुरेंद्र समझाते रहे कि ‘भइया मेरी सुन लो भाजपा ने राममंदिर बनाया’ लेकिन लोग नहीं माने। आखिर में सुरेंद्र चौधरी को वापस जाना पड़ा।

केशव प्रसाद यूपी सरकार में उपमुख्यमंत्री हैं। प्रयागराज के पड़ोसी जिले कौशांबी की सिराथू सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। 22 जनवरी को अपने विधानसभा क्षेत्र गुलामीपुर में प्रचार करने पहुंचे तो महिलाओं ने घेरकर नारेबाजी शुरू कर दी। वे केशव मौर्य के खिलाफ नारा लगाने लगीं। डिप्टी CM ने महिलाओं को चुप करवाने की कोशिश जरूर की, पर महिलाएं चुप नहीं हुईं।

वीडियो वायरल हुआ तो सपा नेता आईपी सिंह ने लिखा, ‘पहले कुर्सी खतरे में आई अब स्टूल भी खतरे में है’। दरअसल सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने एक बार कहा था कि केशव प्रसाद मौर्य को मंत्रिमंडल में बैठने के लिए सोफा नहीं बल्कि स्टूल मिलता है। इसके बाद विपक्षी दल केशव प्रसाद पर तंज के लिए स्टूल शब्द का प्रयोग करने लगे।

गौरी शंकर वर्मा जालौन की उरई सीट से विधायक हैं। पार्टी ने तो भरोसा जताते हुए फिर प्रत्याशी बना दिया। 29 जनवरी को क्षेत्र में प्रचार करने पहुंचे तो नारेबाजी शुरू हो गई। लोगों ने कहा, ‘पांच साल में न गांव की एक सड़क बनी और न ही नल मिला’। विधायक जी फंस गए और सफाई देने लगे। लोग नहीं माने तो विधायक वहां से निकल गए। घर पहुंचे तो कहा, ‘2 शराबी थे, वही विरोध कर रहे थे, बाकी पूरा गांव हमारे ही साथ है’।

देवेंद्र सिंह लोधी बुलंदशहर की स्याना सीट से भाजपा के विधायक हैं। 25 जनवरी को प्रचार करने पहुंचे तो लोग हूटिंग करने लगे। लोगों का आरोप है कि गांव में न सड़क बनी, न कोई नल लगवाया। वोट मांगने आए हैं तो विरोध करेंगे ही। विधायक ने पहले तो हाथ जोड़े और वहां निकल आए। घर आकर मीडिया से कहा, ‘ये हमारे क्षेत्र की जनता है। मुझे डांटेगी भी और पूछेगी भी, मैं इनको मना लूंगा। ये सभी मुझे ही वोट देंगे’।

मुजफ्फरनगर की खतौली सीट से भाजपा के विक्रम सैनी विधायक हैं। 20 जनवरी को मनव्वरपुर गांव में प्रचार करने पहुंचे तो लोगों ने घेर लिया। मुर्दाबाद के नारे लगने लगे। विक्रम सैनी चले गए। उन्हें फिर 29 जनवरी को चांद समंद गांव में घेर लिया गया। नारेबाजी हुई और काफिले की एक गाड़ी का सामने वाला शीशा तोड़ दिया गया। विधायक को अपने ही क्षेत्र के लोगों पर FIR दर्ज करनी पड़ी।

मनिंदर पाल मेरठ की सिवलखास सीट से भाजपा प्रत्याशी हैं। 21 जनवरी को पथोनी गांव में प्रचार करने पहुंचे तो हंगामा हो गया। ‘योगी-मोदी जिंदाबाद’ से ज्यादा ‘जयंत चौधरी जिंदाबाद’ का नारा लगने लगा। दोनो पार्टियों के बीच हाथापाई की नौबत आ गई। विधायक मनिंदर पाल खुद ही वापस लौट गए।

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