रिजर्व बैंक ने कहा, क्रिप्टोकरेंसी पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाना चाहिए

मुंबई- रिजर्व बैंक ने अपने केंद्रीय बोर्ड से कहा है कि क्रिप्टोकरेंसी पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा देना चाहिए। शुक्रवार को RBI की हुई बैठक में यह बात कही गई। देश में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बहस जारी है। सरकार संसद के मौजूदा सत्र में इससे संबंधित रेगुलेशन के लिए बिल लाने वाली थी, लेकिन वह भी अभी तय नहीं है। RBI के ज्यादातर सदस्यों ने निजी क्रिप्टोकरेंसी और वित्तीय स्थिरता पर उसके असर के बारे में शुक्रवार की बोर्ड बैठक में अपनी चिंताएं जाहिर की हैं। 

RBI के आंतरिक सदस्य प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी के पक्ष में नहीं हैं। गवर्नर शक्तिकांत दास ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की लखनऊ में हुई बैठक की अध्यक्षता की थी। प्रेस रिलीज में सेंट्रल बैंक ने कहा कि डिजिटल करेंसी और निजी क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े कई मामलों पर इस बैठक में चर्चा की गई। सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर इस सत्र में बिल लाने के मामले को टाल सकती है। संसद का सत्र अगले हफ्ते खत्म हो जाएगा और फिर अगला सत्र बजट का शुरू हो जाएगा। इसके बाद 5 राज्यों की चुनावी गहमागहमी शुरू हो जाएगी। माना जा रहा है कि सरकार चुनाव के बाद इस बिल को संसद में ला सकती है।  

केंद्रीय बैंक ने बार-बार क्रिप्टोकरेंसी के खिलाफ अपने मजबूत विचारों को रखा है। उसका कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी देश की मैक्रोइकॉनोमिक और वित्तीय स्थिरता के खिलाफ बड़ा खतरा है। उसने क्रिप्टोकरेंसी पर ट्रेडिंग करने वाले निवेशकों की संख्या और उनकी क्लेम की गई मार्केट वैल्यू पर भी संदेह किया है। 

रिजर्व बैंक ने बोर्ड में पूरा विस्तृत प्रजेंटेशन दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मामले में कई चरणों में चर्चा की है। जुलाई 2019 में इससे संबंधित एक हाई लेवल सरकारी पैनल भी सभी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंध करने की वकालत कर चुका है। इसने क्रिप्टोकरेंसी में डील पर 25 करोड़ रुपए फाइन और 10 साल की सजा की सिफारिश की थी।   

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