जमा निधि की अब 80 फीसदी तक रकम निकाल सकते हैं एनपीएस के गैर-सरकारी सदस्य

मुंबई- राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के गैर-सरकारी सदस्य अब निकासी के समय जमा निधि की 80 फीसदी तक रकम निकाल सकते हैं। पहले यह नियम 60 प्रतिशत तक था। शेष राशि का उपयोग एन्यूटी खरीदने, मासिक या किसी अन्य आवधिक पेंशन के लिए किया जाता था। नियामक ने निकासी की आयु भी पहले के 70 वर्ष से बढ़ाकर 85 वर्ष कर दी है। नए नियम राजपत्र में प्रकाशन की तिथि से लागू होंगे।

पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने निकासी और इसके नियमों में संशोधन किया है। इसके तहत तय सीमा में विनियमित वित्तीय संस्थानों से कर्ज लेने के लिए अब एनपीएस खातों को गिरवी रखा जा सकता है। ग्राहक को वित्तीय संस्था से मंजूर सीमा तक वित्तीय सहायता प्राप्त करने का अधिकार होगा। इसके लिए ग्राहक राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के तहत प्राप्त होने वाले किसी भी लाभ के संबंध में ऋणदाता के पक्ष में किसी भी प्रकार का असाइनमेंट, गिरवी, अनुबंध, आदेश, बिक्री या सुरक्षा दे सकता है।

यदि पेंशन निधि 8 लाख रुपये से कम है तो ग्राहक को पूरी पेंशन राशि को एकमुश्त निकालने या नियमित रूप से एकमुश्त निकासी, नियमित यूनिट रिडेम्पशन या प्राधिकरण के मंजूर अन्य विकल्पों के रूप में भुगतान लिया जा सकता है। नियामक ने आंशिक निकासी की संख्या को भी पहले की 3 की सीमा से बढ़ाकर 4 कर दिया है। प्रत्येक निकासी के बीच चार वर्ष का अंतराल होना चाहिए।

60 वर्ष की सेवानिवृत्ति आयु के बाद तीन बार आंशिक निकासी

60 वर्ष की सेवानिवृत्ति उम्र के बाद कम से कम तीन वर्ष के अंतराल के साथ तीन बार आंशिक निकासी की जा सकती है। वार्षिक एन्यूटी को 20 प्रतिशत तक कम करके नियामक ने एनपीएस ग्राहकों को जरूरतों के अनुसार पूरी निधि का उपयोग करने की स्वतंत्रता दी है। निकासी की आयु बढ़ाने का अर्थ है कि ग्राहक 85 वर्ष की उम्र तक या निकासी का विकल्प चुनने तक एनपीएस में निवेशित रह सकते हैं।

कुल पेंशन रकम का 60 फीसदी निकालने की मंजूरी

निकासी के समय ग्राहक कुल पेंशन राशि (एपीडब्ल्यू) का 60 प्रतिशत निकाल सकते हैं। शेष 40 फीसदी का उपयोग एन्यूटी खरीदने के लिए किया जाना चाहिए। 60 प्रतिशत की निकासी एकमुश्त या नियमित एकमुश्त निकासी के माध्यम से की जा सकती है। हालांकि, इस्तीफे, बर्खास्तगी या पद से हटाए जाने के कारण समय से पहले एनपीएस छोड़ने वाले सरकारी कर्मचारियों को एपीडब्ल्यू का 80 प्रतिशत हिस्सा एन्यूटी खरीदने के लिए इस्तेमाल करना होगा। शेष राशि एकमुश्त निकाली जा सकती है। यदि कुल एपीडब्ल्यू 5 लाख रुपये या उससे कम है, तो सामान्य निकासी, समय से पहले या मृत्यु के कारण निकासी के मामलों में पूरी राशि एकमुश्त निकाली जा सकती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *