शीर्ष-10 सेल्फमेड उद्यमियों की सूची में पहुंचे इंडिगो के प्रमोटर, दीपिंदर गोयल पहले स्थान पर

मुंबई। इंडिगो के प्रमोटर राहुल भाटिया और राकेश गंगवाल शीर्ष-10 सेल्फमेड उद्यमियों की सूची में शामिल हो गए हैं। इन दोनों ने कम लागत वाली एयरलाइन इंडिगो को 2025 तक 2.2 लाख करोड़ रुपये के मूल्यांकन तक पहुंचाया है। हालांकि, इटरनल के दीपिंदर गोयल शीर्ष पर हैं। इनकी कंपनी का मूल्यांकन 3.2 लाख करोड़ रुपये है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 27 फीसदी अधिक है।

आईडीएफसी फर्स्ट प्राइवेट और हुरुन इंडिया ने इस वर्ष 25 सितंबर तक की गणना के आधार पर शीर्ष-200 सेल्फ मेड उद्यमियों की सूची जारी की है। इसमें एवेन्यू सुपरमार्ट्स के राधाकिशन दमानी की कंपनी का मूल्यांकन पिछले वर्ष की तुलना में 13 फीसदी घटकर 3 लाख करोड़ रुपये रह गया है। पहली बार इस सूची में शामिल होने वाले दीपेंदर गोयल ने दमानी को पीछे छोड़ दिया है।

इस महीने की शुरुआत में विमानन नियमों के नए सेट को लागू करने में विफलता के कारण इंडिगो की उड़ानें बड़े पैमाने पर रद्द हुई हैं। इससे इंडिगो की मूल कंपनी इंटरग्लोब एविएशन के शेयरों में हाल में भारी गिरावट आई है। भारत के विमानन बाजार में अपनी मजबूत पकड़ के कारण इस एयरलाइन ने शीर्ष सूची में पहली बार जगह बनाई है। घरेलू क्षेत्र में इसकी बाजार हिस्सेदारी 65 फीसदी है। एयरलाइन ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आक्रामक रूप से विस्तार किया है।

स्विगी के प्रमोटर पांचवें स्थान पर

स्विगी का मूल्यांकन 5 फीसदी बढ़कर 1.06 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया है। इससे कंपनी के सह-संस्थापक श्रीहरशा मजेटी और नंदन रेड्डी पांचवें स्थान पर पहुंच गए हैं। पेटीएम के शेयरों में 67 फीसदी की भारी वृद्धि दर्ज की गई और इसका मूल्य 72,900 करोड़ रुपये हो गया। इससे इसके संस्थापक विजय शेखर शर्मा आठवें स्थान पर पहुंच गए हैं। हाल में सूचीबद्ध लेंसकार्ट का मूल्यांकन बढ़कर 67,000 करोड़ रुपये हो गया। इसके साथ ही सह-संस्थापक पीयूष बंसल, अमित चौधरी, नेहा बंसल और सुमीत कपाही सूची में 10वें स्थान पर पहुंच गए।

सभी कंपनियों का मूल्य 42 लाख करोड़ के पार

सूची में शामिल सभी कंपनियों का कुल मूल्य 2025 में 42 लाख करोड़ रुपये हो गया है। यह पिछले वर्ष के 36 लाख करोड़ रुपये से 15 फीसदी अधिक है। स्वयं के दम पर सफल हुए उद्यमियों की स्थापित अरबों डॉलर की कंपनियों की संख्या 128 हो गई है। पिछले वर्ष 121 थी। सूची में शामिल होने के लिए मूल्य सीमा बढ़कर 4,300 करोड़ रुपये हो गई है।

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