मेमोरी चिप्स की बढ़ती लागत और रुपये की कमजोरी से 4 फीसदी तक महंगे होंगे टीवी
मुंबई- मेमोरी चिप्स की बढ़ती लागत और डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी के कारण जनवरी से टेलीविजन की कीमतों में 3-4 प्रतिशत की वृद्धि होने की आशंका है। रुपया हाल में पहली बार 90 से नीचे आ गया है। इससे कंपनियों का फायदा घट रहा है। मुनाफे को बरकरार रखने के लिए कंपनियां अब ग्राहकों पर इसका बोझ डाल रही हैं।
विश्लेषकों के मुताबिक, रुपये के गिरने से उद्योग की स्थिति नाजुक हो गई है, क्योंकि एलईडी टीवी में घरेलू मूल्यवर्धन केवल 30 प्रतिशत है। ओपन सेल, सेमीकंडक्टर चिप्स और मदरबोर्ड जैसे प्रमुख घटक आयात किए जाते हैं। इसके अलावा मेमोरी चिप संकट भी एक गंभीर समस्या है, जहां एआई सर्वरों के लिए हाई-बैंडविड्थ मेमोरी (एचबीएम) की भारी मांग के कारण वैश्विक स्तर पर इसकी भारी कमी है। इससे सभी प्रकार की मेमोरी (डीआरएएम, फ्लैश) की कीमतें बढ़ गई हैं। चिप निर्माता अधिक लाभ वाले एआई चिप्स पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जिससे टीवी जैसे पारंपरिक उपकरणों के लिए आपूर्ति कम हो रही है।
हायर अप्लायंसेज इंडिया के अध्यक्ष एनएस सतीश ने बताया, मेमोरी चिप्स की कमी और कमजोर रुपये के कारण एलईडी टीवी सेट की कीमतों में 3 प्रतिशत की वृद्धि होगी। कुछ टीवी निर्माताओं ने कीमतों में संभावित वृद्धि के बारे में डीलरों को पहले ही जानकारी दे दी है। थॉमसन और कोडक जैसे कई वैश्विक ब्रांडों के लाइसेंस प्राप्त टीवी निर्माता सुपर प्लास्ट्रोनिक्स ने कहा, पिछले तीन महीनों में मेमोरी चिप की कीमतों में पांच गुना की वृद्धि हुई है। साथ ही, रुपये में अवमूल्यन के कारण जनवरी से टेलीविजन की कीमतों में 7-10 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है।
यदि अगले दो तिमाहियों में मेमोरी चिप की कीमतें समान रहीं, तो टीवी की कीमतों में और वृद्धि हो सकती है। जीएसटी सुधार के बाद स्मार्ट टीवी की बिक्री में आई तेजी पर इस आगामी वृद्धि का असर कम हो सकता है। सरकार ने 32 इंच और उससे बड़े आकार के टीवी स्क्रीन पर जीएसटी को पहले के 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया है। इससे कीमत में लगभग 4,500 रुपये की कमी आई है।
डीडीआर4 की कीमतें 10 गुना बढ़ीं
दाइवा की मालिक वीडिओटेक्स ने कहा, मेमोरी चिप की कीमतों में भारी वृद्धि से उसे भी लगातार दबाव का सामना करना पड़ रहा है। इससे उपलब्धता एक गंभीर चुनौती बन गई है। सोर्सिंग स्तर पर फ्लैश मेमोरी और डीडीआर4 की कीमतों में 10 गुना तक वृद्धि हुई है। इसका मुख्य कारण आपूर्ति का एआई डेटा केंद्रों की ओर मोड़ा जाना है।

