रघुराम राजन बोले, भारतीय बाजार पर दबाव, भारत का उत्साह अमेरिका की ओर गया

मुंबई- आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने भारतीय शेयर बाजार की चाल पर अपनी राय रखी है। उनका कहना है कि मौजूदा टैरिफ इतने ज्‍यादा नहीं रहने चाहिए। इन्हें 20% से कम होना चाहिए। राजन ने सीए कुशल लोढ़ा से बातचीत में कहा, ‘भारतीय बाजार पर ज्‍यादा दबाव रहा है। जबकि अमेरिकी बाजार में ज्‍यादा उछाल आया है।’ उन्होंने बताया कि इस अंतर की एक बड़ी वजह एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और इसके इस्तेमाल का तरीका है।

राजन ने समझाया कि जब भी कोई नई तकनीक आती है तो शुरुआत में एक उत्साह का दौर आता है। उन्होंने कहा कि अगर आप पैटर्न देखें तो शुरुआत में यह उत्साह अक्सर निराशा में बदल जाता है। लेकिन, बाद में वह चीज हकीकत बन जाती है। उन्होंने इंटरनेट स्टॉक्स का उदाहरण दिया। अमेजन को डॉट-कॉम बूम के समय बहुत अच्छा माना जाता था। फिर यह गिर गया। लेकिन, हमने तब अमेजन खरीदा होता तो हम आज बहुत अमीर होते। अमेजन फिर से ऊपर आया और अब एआई की वजह से बहुत अच्छा कर रहा है। अमेजन की क्लाउड सेवाएं अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं।’

उन्होंने आगे कहा, ‘तो सीधी बात यह है कि भारत से उत्साह अमेरिका की ओर चला गया है।’ यह बात उन्होंने भारतीय और अमेरिकी शेयर बाजार के वैल्‍यूएशन की तुलना करने वाले सवाल के जवाब में कही। उन्होंने कहा, ‘एक समय था जब हर कोई भारत को लेकर उत्साहित था। अब टैरिफ और दूसरी वजहों से भारत को लेकर थोड़ी निराशा हो सकती है।’

राजन ने सुझाव दिया कि भारतीय बाजार जो पिछले एक साल से ज्‍यादातर सपाट रहा है, व्यापार वार्ता समाप्त होने के बाद फिर से रफ्तार पकड़ेगा। उन्होंने कहा, ‘इसलिए, मैं उम्मीद करता हूं कि अमेरिका के साथ इन टैरिफ वार्ताओं का समाधान हो जाएगा। ऐसा कोई कारण नहीं है कि भारत को दुनिया के बाकी देशों से ज्‍यादा टैरिफ देना पड़े।

राजन ने कहा, भारत ठीक-ठाक रफ्तार से बढ़ रहा है। लेकिन, टैरिफ की वजह से भारत के विकास पर एक बादल मंडरा रहा है। उन्होंने कहा, ‘इसलिए, विदेशी निवेशकों की उम्मीदें बढ़ेंगी, भारत के लिए उम्मीदें और महत्वाकांक्षाएं बढ़ेंगी और जब ऐसा होगा तो भारत बेहतर प्रदर्शन करेगा।’

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