सेबी चेयरमैन बोले, संपत्तियों के सार्वजनिक रूप से खुलासा करने में आपत्ति
मुंबई- पूंजी बाजार नियामक सेबी के चेयरमैन तुहिनकांत पांडे का कहना है कि चेयरमैन सहित नियामक के बाकी अधिकारियों की संपत्तियों का सार्वजनिक रूप से खुलासा करने में आपत्ति है। हालांकि, इस तरह की जानकारी आंतरिक रूप से एक स्वतंत्र कार्यालय को देने में उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। सेबी बोर्ड 17 दिसंबर को अगली बैठक में पैनल की सिफारिश पर विचार करेगा। कार्यान्वयन इस बात पर निर्भर करेगा कि बोर्ड प्रस्ताव को कैसे देखता है।
पांडे ने कहा, सेबी के नीति-निर्माण और जांच कार्यों के लिए एक संघर्ष प्रबंधन ढांचा व्यावहारिक है और इसे लागू किया जाना चाहिए। सेबी के अधिकारी इस तरह के खुलासों की जरूरत पर सवाल उठा रहे हैं, क्योंकि उनका कहना है कि भारत में किसी अन्य प्राधिकरण के लिए ये अनिवार्य नहीं हैं। नियामक एक पैनल के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है जिसमें चेयरमैन सहित वरिष्ठ अधिकारियों को अपनी वित्तीय संपत्तियों और देनदारियों का खुलासा करना अनिवार्य है।
पैनल ने पिछले महीने अपनी सिफारिशें पेश की हैं। पैनल ने तर्क दिया कि मुख्य महाप्रबंधकों, कार्यकारी निदेशकों, पूर्णकालिक सदस्यों और चेयरमैन के इस तरह के खुलासे से पारदर्शिता और जवाबदेही मजबूत होगी। पूर्व प्रमुख माधबी पुरी बुच पर अब बंद हो चुकी हिंडनबर्ग रिसर्च ने हितों के टकराव के आरोप लगाए गए थे। हिंडनबर्ग रिसर्च का दावा था कि उन्होंने पहले अदाणी समूह से जुड़े ऑफशोर फंडों में निवेश किया था। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने इस वर्ष की शुरुआत में इसी आरोप के बाद इस पैनल का गठन किया था।

