लिस्टिंग से जिम्मेदारी में कोई बदलाव नहीं, हर फैसला शेयरधारकों के हित में होता है: निमेश शाह
एसेट अंडर मैनेजमेंट के लिहाज से देश की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड शेयर बाजार में उतर चुकी है। कंपनी का आईपीओ शुक्रवार को खुला है जो 16 दिसंबर को बंद होगा। बड़े संस्थागत निवेशकों ने इसे हाथों हाथ लिया है। लिस्टिंग के बाद इसकी पूंजी एक लाख करोड़ से ज्यादा होगी। कंपनी के एमडी एवं सीईओ निमेश शाह ने इस बारे में बात की। पेश हैं उसी के अंश।
प्रश्न: जीआईसी, टेमासेक, फिडेलिटी, घरेलू म्यूचुअल फंड और बीमा कंपनियों जैसे कई प्रमुख निवेशकों ने एंकर बुक में भाग लिया है। खुदरा निवेशकों को इसे किस तरह समझना चाहिए?
एंकर बुक में वैश्विक स्तर पर और भारत में कुछ सबसे सम्मानित दीर्घकालिक निवेशकों ने भाग लिया। ऐसे निवेशक आमतौर पर दीर्घकालिक दृष्टिकोण रखते हैं। गवर्नेंस, कारोबार की स्थिरता और जोखिम प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करते हैं। गहन जांच-पड़ताल करते हैं। उनकी भागीदारी भारत के फाइनेंशियलाइजेशन के रुझान, हमारे व्यवसाय मॉडल, ऑपरेटिंग डिसिप्लीन और हमारी कंपनी तथा भारतीय एसेट मैनेजमेंट उद्योग के दीर्घकालिक विकास के अवसरों में उनके विश्वास का एक मजबूत प्रमाण है। एसेट मैनेजमेंट एक दीर्घकालिक, कंपाउंडिंग बिजनेस है जो विश्वास, प्रदर्शन और गवर्नेंस पर आधारित है।
प्रश्न: आईपीओ पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल है। खुदरा निवेशकों को इसे कैसे समझना चाहिए?
यह आईपीओ कंपनी के संचालन के तरीके में कोई बदलाव नहीं लाता है। प्रूडेंशियल कॉर्पोरेशन लगभग तीन दशकों से निवेशक है और कुछ हिस्सा बेच रही है। आईसीआईसीआई बैंक का हिस्सा बना रहेगा और प्रमुख हिस्सेदार बना रहेगा। इसलिए, व्यवसाय उसी प्रबंधन, निवेश फिलॉस्फी और गवर्नेंस ढांचे के साथ चलता रहेगा। आईपीओ लिक्विडिटी और वाइडर ओनरशिप प्रदान करता है। यह हमारी कंपनी की रणनीति में कोई बदलाव नहीं है।
प्रश्न: एसआईपी निवेशक, विशेष रूप से बाजार में उतार-चढ़ाव के दौरान कितने स्थिर रहते हैं?
जब एसआईपी लक्ष्य-आधारित होते हैं, जैसे सेवानिवृत्ति या बच्चों की शिक्षा, तो निवेशक उतार-चढ़ाव के दौरान निवेश रहने का रुझान रखते हैं। शॉर्ट टर्म वोलाटिलिटी टैक्टिकल या परफारमेंस चेजिंग निवेशों के एक छोटे हिस्से को प्रभावित कर सकती है, लेकिन एसआईपी का मूल आधार स्थिर रहता है। समय के साथ, अनुशासित निवेश बेहतर निवेशक अनुभव प्रदान करता है, जो स्थिरता को मजबूत करता है।
प्रश्न: ICICI प्रूडेंशियल एएमसी सबसे अधिक लाभ कमाने वाली एएमसी में से एक है। नियामकीय परिवर्तनों के बीच ये लाभ कितने टिकाऊ हैं?
नियमन ने लागत को निवेशक हित के अनुरूप करके उद्योग को लगातार मजबूत किया है। टेलिस्कापिक एक्सपेंस रेशनलाइजेशन निवेशकों के लिए एफोर्डेबिलिटी में सुधार करते हैं, जबकि अधिक वॉल्यूम कम मार्जिन की भरपाई करते हैं। यह एक पैमाने पर आधारित व्यवसाय है। कम शुल्क और अधिक भागीदारी अंततः समय के साथ उच्च लाभ की ओर ले जाती है।
प्रश्न: पैसिव फंड और ईटीएफ के उदय के साथ क्या सक्रिय प्रबंधन जोखिम में है?
जब तक सक्रिय रणनीतियां अल्फा प्रदान करती रहेंगी, निवेशक उनमें निवेश करते रहेंगे। भारत में अधिकांश निवेश अभी भी पैसिव फंडों के पक्ष में है क्योंकि प्रदर्शन ने इसे काफी हद तक उचित ठहराया है। किसी भी एएमसी के लिए वास्तविक जोखिम प्रतिस्पर्धा या नियमन नहीं है, बल्कि कम प्रदर्शन है।
प्रश्न: आपके इक्विटी और हाइब्रिड फंड्स का आकार काफी बड़ा है। क्या आकार प्रदर्शन को प्रभावित करता है?
यदि प्रक्रियाएं मजबूत हों तो आकार अनुशासन को कमजोर नहीं करता। हमारी निवेश टीमें विकास, मूल्य, कॉन्ट्रा और क्वालिटी जैसी विभिन्न स्टाइल में काम करती हैं, साथ ही मजबूत जोखिम प्रबंधन ढांचे भी अपनाती हैं। हमारा ध्यान समय के साथ बेंचमार्क को पीछे छोड़ने पर केंद्रित रहता है। प्रदर्शन और जोखिम प्रबंधन ही एकमात्र वास्तविक दीर्घकालिक अंतर है, न कि एसेट का आकार।
प्रश्न: आप अक्सर पीएटी (PAT) के बजाय परिचालन लाभ पर जोर देते हैं। यह महत्वपूर्ण क्यों है?
पीएटी बैलेंसशीट निवेशों से प्रभावित हो सकता है। परिचालन लाभ धन प्रबंधन से होने वाली वास्तविक आय को दर्शाता है। यह मुख्य व्यवसाय की मजबूती का अधिक सटीक माप है। इस मापदंड के अनुसार, हम उद्योग के परिचालन लाभ पूल का लगभग 20% हिस्सा रखते हैं, जो आकार और दक्षता दोनों को दर्शाता है।
प्रश्न: लिस्टिंग से निवेशकों और शेयरधारकों के प्रति जवाबदेही में क्या परिवर्तन आता है?
लिस्टिंग से हमारी जिम्मेदारी में कोई बदलाव नहीं आता। शेयरधारकों के हित शेयरधारकों के परिणामों के अनुरूप हैं क्योंकि हमारा राजस्व तभी बढ़ता है जब निवेशक निवेशित रहते हैं और उनकी संपत्ति बढ़ती है। हम स्वयं को सर्वप्रथम एक जोखिम-प्रबंधन कंपनी के रूप में देखते हैं जो धन का प्रबंधन करती है। लिस्टिंग के बाद भी हमारी यह संस्कृति नहीं बदलती।
प्रश्न: म्यूचुअल फंड उद्योग पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ा है। इस वृद्धि के पीछे क्या कारण हैं?
यह वृद्धि दो उच्च-गुणवत्ता वाले कारकों से प्रेरित है। पहला, व्यवस्थित लेनदेन में उल्लेखनीय विस्तार हुआ है, जिससे बाजारों में दीर्घकालिक, स्थिर धन आया है। दूसरा, बाजार मूल्य वृद्धि से स्वाभाविक रूप से परिसंपत्ति मूल्यों में वृद्धि होती है। इन दोनों के संयोजन से स्वस्थ, सतत वृद्धि हुई है।
प्रश्न: भारत के शेयर बाजार के दीर्घकालिक परिदृश्य में आपको किस बात का भरोसा है?
जनसांख्यिकी, औपचारिकीकरण, डिजिटलीकरण और वित्तीय परिसंपत्तियों में घरेलू बचत में वृद्धि जैसे संरचनात्मक कारकों के समर्थन से भारत ने कई दशकों में लगभग दोहरे अंकों की नाममात्र जीडीपी वृद्धि दर हासिल की है। सरकार द्वारा शुरू किए गए विभिन्न सुधारों के कारण भारतीय व्यापक आर्थिक स्थिति बेहद मजबूत है। इस मजबूत आधार के साथ, आर्थिक गतिविधि में धीरे-धीरे तेजी आने की उम्मीद है। इन सभी कारकों के आधार पर हमें विश्वास है कि अनुशासित रहने वाले दीर्घकालिक निवेशकों को लाभ मिलेगा।

