भारत बना टेक दिग्गजों का ग्लोबल हब, गूगल-माइक्रोसॉफ्ट-अमेजन करेंगे 6 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश
भारत टेक उद्योग के लिए विश्व का सबसे तेजी से विकसित हो रहा इंफ्रास्ट्रक्चर हब बनकर उभर रहा है। तीन प्रमुख अमेरिकी टेक कंपनियों—अमेजन, माइक्रोसॉफ्ट और गूगल—ने देश में बड़े पैमाने पर परियोजनाओं के लिए निवेश की घोषणा की है। इन निवेशों से एआई क्षमताओं, डाटा सेंटर्स, लॉजिस्टिक्स सिस्टम, क्लाउड टेक्नोलॉजी और डिजिटल सेवाओं में बड़े पैमाने पर विस्तार होगा।
अमेजन: 75 अरब डॉलर की कुल प्रतिबद्धता, बड़े पैमाने पर रोजगार
अमेजन ने हाल ही में पांच वर्षों में 35 अरब डॉलर के अतिरिक्त निवेश की घोषणा की।
इससे पहले कंपनी भारत में 40 अरब डॉलर का निवेश कर चुकी है।
कंपनी की नई योजनाओं में—
- क्विक कॉमर्स नेटवर्क विस्तार
- AWS डाटा सेंटरों की क्षमता वृद्धि
- एआई आधारित सेवाएं
- लॉजिस्टिक्स सप्लाई चेन में सुधार
जैसी परियोजनाएं शामिल हैं।
अमेजन का दावा है कि यह निवेश—
- 2030 तक लगभग 10 लाख नए रोजगार उपलब्ध कराएगा
- छोटे व्यवसायों और विक्रेताओं को डिजिटलीकरण की दिशा में सहायता करेगा
2024 तक कंपनी ने—
- 28 लाख से अधिक प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष और सीजनल नौकरियां उत्पन्न कीं
- 1.2 करोड़ से ज्यादा छोटे व्यवसायों, किराना स्टोर्स और उद्यमों को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाया
माइक्रोसॉफ्ट: एआई-प्रथम भविष्य के लिए निवेश
माइक्रोसॉफ्ट ने 17.5 अरब डॉलर की घोषणा की है।
कंपनी का लक्ष्य है—
- भारत में सुरक्षित क्लाउड एवं एआई क्षमताएं विकसित करना
- घरेलू डाटा संरचना को मजबूत करना
- एआई स्किलिंग प्रोग्राम चलाना
सीईओ सत्या नडेला का कहना है—
भारत आने वाले समय में एआई-केंद्रित डिजिटल अर्थव्यवस्था का मॉडल होगा, जिसके लिए बुनियादी ढांचा निर्माण आवश्यक है।
गूगल: सबसे बड़ा एआई हब भारत में स्थापित करेगी
गूगल ने अक्तूबर में घोषित किया कि वह भारत में—
15 अरब डॉलर का निवेश कर एक प्रमुख एआई हब स्थापित करेगी।
कंपनी का लक्ष्य—
- भारत में वैश्विक-स्तरीय एआई कंप्यूटिंग केंद्र बनाना
- स्टार्टअप्स और अनुसंधान में सहयोग बढ़ाना
- बहुभाषीय एआई मॉडल विकसित करना
भारत का यह हब कंपनी के सबसे बड़े वैश्विक केंद्रों में शामिल होगा।
क्यों भारत टेक कंपनियों का प्रमुख केंद्र बन रहा है
1. चीन-केंद्रित जोखिम का विकल्प
चीन-अमेरिका तनाव के बाद
- उच्च सुरक्षा प्रौद्योगिकी
- एआई डिजाइन
- संवेदनशील डाटा
के संचालन के लिए भारत एक सुरक्षित विकल्प साबित हुआ है।
2. विशाल डिजिटल ग्राहक आधार
भारत में—
- 140 करोड़ आबादी
- तीव्र डिजिटल बुनियादी ढांचा
- विश्व का सबसे बड़ा डिजिटल भुगतान नेटवर्क
- बहुभाषी उपयोगकर्ता
एआई मॉडलिंग के लिए अत्यधिक जटिल लेकिन प्रभावी प्रशिक्षण वातावरण तैयार करते हैं।
3. स्थिर नीतिगत माहौल
भारत—
- डाटा लोकलाइजेशन
- डिजिटल प्राइवेसी
- इनोवेशन फंडिंग
पर लगातार जोर दे रहा है।
डाटा भारत से बाहर नहीं जाएगा
तीनों कंपनियां भारत में अपनी डाटा प्रोसेसिंग और स्टोरेज क्षमता विकसित कर रही हैं।
- माइक्रोसॉफ्ट अपने क्लाउड प्लेटफ़ॉर्म को पूर्ण घरेलू अधिकारों के साथ स्थापित करेगा
- AWS देश-स्तरीय डाटा नोड और वितरण प्रणाली बढ़ा रहा है
- गूगल भारतीय डाटा प्रोसेसिंग सर्वर भारत में ही स्थापित करेगी
सरकार का लक्ष्य है—
“संवेदनशील या महत्वपूर्ण डाटा भारतीय सीमा से बाहर न जाए।”
टेक कंपनियों के यह निवेश आने वाले वर्षों में—
- लाखों नए रोजगार
- तकनीकी कौशल विकास
- स्टार्टअप विकास
- उच्च मूल्य वाला शोध
- सुरक्षित डिजिटल अर्थव्यवस्था
के निर्माण में निर्णायक भूमिका निभाएंगे।
भारत के टेक भविष्य की यह सबसे सशक्त पूंजी आधारित स्थिति मानी जा रही है।

