ओमान और न्यूजीलैंड सहित कई देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते जल्द, भारत-ईयू डील पर भी तेजी
मुंबई- ओमान और न्यूजीलैंड के साथ मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) पर बातचीत अंतिम चरण में है। दोनों के जल्द ही संपन्न होने की उम्मीद है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने यह भी संकेत दिया कि चिली के साथ भी बातचीत जल्द ही पूरी होगी। इस्राइल के साथ बातचीत के लिए दोनों ने अपने मुख्य वार्ताकारों की नियुक्ति कर दी है।
गोयल ने कहा, न्यूजीलैंड के व्यापार मंत्री टॉड मैक्ले एफटीए पर बातचीत के लिए शुक्रवार को नई दिल्ली आ रहे हैं। कुछ दिनों में हमने व्यापार संबंधी मुद्दों पर कई देशों के नेताओं के साथ कई बैठकें की हैं। भारत व्यापार और वैश्विक निवेशकों के लिए आकर्षक गंतव्य बन गया है। कई देश भारत के साथ व्यापार समझौते करने के इच्छुक हैं। वाणिज्य मंत्रालय ने कहा, गहन बातचीत के तीन दौर (नवंबर 2023-मार्च 2024) के बाद दोनों पक्ष व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) के सभी घटकों पर सहमत हो गए हैं।
मंत्रालय ने यह भी कहा, भारत और इस्राइल 2010 से एफटीए पर बातचीत कर रहे हैं। इसमें 280 टैरिफ लाइनों या उत्पाद श्रेणियों को कवर करते हुए दस दौर की बातचीत हो गई है। मालदीव के साथ बात हो रही है। कतर के साथ भी समझौते के लिए बातचीत शुरू करने हेतु एक अनुबंध को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
ईयू के साथ रूपरेखा तैयार
भारत-यूरोपीय संघ में एफटीए समझौते के लिए बातचीत आगे बढ़ रही है। एक मोटी रूपरेखा तैयार कर ली गई है। दोनों पक्ष समझौते को जल्द पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। गोयल ने कहा, जल्द ही समझौते पर निर्णय लिया जाएगा। दोनों पक्षों के पास वार्ता को समाप्त करने के लिए दिसंबर के अंत तक की निश्चित समय सीमा है।
26 जनवरी को परेड में शामिल होगा यूरोपीय संघ
यूरोपीय संघ का शीर्ष नेतृत्व 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होगा। भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन अगले दिन होने वाला है। जून, 2022 में भारत और 27 देशों के यूरोपीय संघ समूह ने आठ साल से अधिक के अंतराल के बाद एक एफटीए, निवेश संरक्षण समझौता और भौगोलिक संकेत समझौते पर बातचीत फिर से शुरू की। यूरोपीय संघ का बाजार भारत के कुल निर्यात का लगभग 17 प्रतिशत है। भारत को किया जाने वाला निर्यात उसके कुल विदेशी निर्यात का 9 प्रतिशत है। यदि यह समझौता हो जाता है तो यूरोपीय संघ को भारतीय वस्तुओं का निर्यात अधिक प्रतिस्पर्धी बन सकता है।
एमएसएमई को बचाने की भी सोचे सरकार
एसोचैम के अध्यक्ष निर्मल कुमार मिंडा ने यूरोपीय संघ के साथ प्रस्तावित व्यापार समझौते के तहत ऑटो घटकों पर आयात शुल्क में अंधाधुंध कटौती के खिलाफ चेतावनी देते हुए कहा, घरेलू निर्माताओं, विशेष रूप से लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को नुकसान से बचाने के लिए ऐसी रियायतें सोच-समझकर दी जानी चाहिए। यदि यूरोपीय संघ (ईयू) को दी जाने वाली शुल्क रियायतें घरेलू कंपनियों को उन्नत प्रौद्योगिकी, बड़े बाजारों और स्थिर आपूर्ति श्रृंखलाओं तक पहुंच प्रदान करती हैं, तो उन पर विचार करना उचित है, विशेष रूप से उन उत्पादों के लिए जहां भारत को लागत का लाभ है।

