भारत में दो वर्षों तक मकानों की कीमतों में 6% वार्षिक वृद्धि का अनुमान, लग्जरी सेगमेंट में पांच साल बाद मंदी के संकेत

मुंबई- देश में मकानों की कीमतें आने वाले दो वर्षों में लगभग 6 फीसदी की दर से बढ़ेंगी। लेकिन वर्तमान में बाजार को गति देने वाले लग्जरी आवास क्षेत्र में तेजी पांच वर्षों के भीतर समाप्त हो जाएगी। घरों की औसत कीमतें पिछले दशक में दोगुनी से भी ज्यादा बढ़ी हैं। पिछली तिमाही की तुलना में थोड़ी कमजोर रही।

15 संपत्ति विश्लेषकों के साथ किए गए सर्वे के मुताबिक, ये पूर्वानुमान भारत में 8.2 फीसदी की आर्थिक वृद्धि की पृष्ठभूमि में आए हैं, जिसने अधिकांश समकक्षों को पीछे छोड़ दिया है। हालांकि अर्थशास्त्रियों का कहना है कि इस तेजी का लाभ असमान रूप से उच्च आय वालों को मिला है, जिससे 140 करोड़ से अधिक लोगों के देश में असमानता बढ़ रही है। अधिकतर विशेषज्ञ इस बात को लेकर संशय में हैं कि लग्जरी सेगमेंट कब तक प्रॉपर्टी बाजार की गतिविधियों को संचालित करेगा।

11 विशेषज्ञों का कहना है कि लग्जरी सेगमेंट पांच साल के भीतर बाजार की मुख्य शक्ति बनना बंद कर देगा। चार विशेषज्ञों का कहना है कि यह पांच साल से अधिक समय तक बाजार को संचालित करता रहेगा। कोलियर्स इंटरनेशनल में मूल्यांकन सेवाओं के प्रबंध निदेशक अजय शर्मा ने कहा, यह सेगमेंट आज अपने चरम पर है और यह निश्चित रूप से नीचे जाएगा।

निवेश के लिए ज्यादा पैसा उपलब्ध है

शर्मा ने कहा, चूंकि शेयर और वित्तीय बाजार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। इसलिए निवेश के लिए ज्यादा पैसा उपलब्ध है। इससे लग्जरी हाउसिंग का उछाल एक और साल तक जारी रहना चाहिए। उसके बाद जमीन की तेजी से बढ़ती कीमतें और अन्य विकास खर्च उन खरीदारों के लिए महंगे घरों को कम आकर्षक बना देंगे जो मुख्य रूप से अपने निवेश पर रिटर्न की तलाश में हैं।

दिल्ली-एनसीआर में 8 फीसदी तक बढ़ेंगे दाम

दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में मकानों की कीमतें इस साल 7%-8% और अगले साल 7 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है। मुंबई के लिए औसत वृद्धि 5 फीसदी है। बंगलूरू में सात फीसदी तेजी का अनुमान है। भारत में सस्ते घरों की लगभग 1 करोड़ कमी है। यह अंतर 2030 तक तीन गुना होने का अनुमान है। किफायती और मध्यम श्रेणी के घरों में नए लॉन्च नहीं हो रहे हैं।

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