बीमा क्षेत्र में कुल शिकायतों का 80 फीसदी हिस्सा स्वास्थ्य बीमा का, 6 वर्षों में दोगुना बढ़ी
मुंबई- बीमा क्षेत्र में स्वास्थ्य बीमा के खिलाफ सबसे अधिक शिकायतें आ रही हैं। 80 फीसदी शिकायतें इसी सेगमेंट के खिलाफ है। पिछले 6 वर्षो में इनकी संख्या दोगुना बढ़ गई हैं। कोरोना के बाद स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी लेने वालों की संख्या काफी तेजी से बढ़ी लेकिन इसकी शर्तें अभी भी पहले की तरह जटिल हैं। इससे पॉलिसीधारकों को काफी परेशानी होती है।
आंकड़ों के मुताबिक, मुंबई के बीमा लोकपाल कार्यालय में प्राप्त सभी शिकायतों में 80 फीसदी हिस्सा स्वास्थ्य का है। 2020-21 में 3,721 स्वास्थ्य बीमा शिकायतें प्राप्त हुईं। यह संख्या 2021-22 में बढ़कर 4,890, 2022-23 में 6,390 और 2023-24 में 7,789 हो गई। 2025-26 में मुंबई केंद्र में अब तक दर्ज 4,829 शिकायतों में से 4,003, या 82.89 फीसदी स्वास्थ्य बीमा से संबंधित हैं। 2023-24 और 2024-25 में स्वास्थ्य बीमा शिकायतों का हिस्सा क्रमशः 76.51 फीसदी और 78.09 फीसदी था।
दावा खारिज की शिकायत सबसे अधिक
दावा की गई राशि से आंशिक अस्वीकृति या कटौती और दावों का पूर्ण रूप से अस्वीकार शिकायतों के सबसे आम आधार हैं। बीमा कंपनियां ऐसे कारण बताती हैं जैसे कि उपचार की कोई सक्रिय व्यवस्था न होना, अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत न होना, या यह कि उपचार बाहरी रोगी (ओपीडी) के आधार पर किया जा सकता था।
गलत बिक्री के कारण 60 फीसदी विवाद
60 फीसदी विवादों का कारण गलत बिक्री होती है। ग्राहक उच्च रिटर्न के वादे पर पॉलिसी खरीदते हैं, जो कभी पूरा नहीं होता। वार्षिक प्रीमियम वाली पॉलिसियां एकल प्रीमियम योजनाओं के रूप में बेची जाती हैं। लाभों और वार्षिक शर्तों को ठीक से नहीं समझाया जाता। मुंबई कार्यालय एक बड़ा केंद्र है जहां मासिक 450 नई शिकायतें दर्ज होती हैं। इस वर्ष 553 मामलों का निपटारा किया गया।

