कृषि वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में घटकर रहेगी चार फीसदी : नीति आयोग

मुंबई- घरेलू कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष (2025-26) में घटकर 4 प्रतिशत रहने का अनुमान है। 2024-25 में यह 4.6 प्रतिशत थी। नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद ने कहा, इस समय कम वृद्धि दर के कारणों का पता लगाना मुश्किल है। आधार प्रभाव कम होने के कारण कृषि वृद्धि में उतार-चढ़ाव बना रहता है।

एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, पंजाब में बाढ़ का प्रभाव सीमित क्षेत्र तक ही है। इससे राज्य की वृद्धि दर में कमी आने की संभावना नहीं है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कृषि विकास दर 3.7 प्रतिशत और दूसरी तिमाही में 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। पिछले एक दशक में भारत की कृषि विकास दर 4.6 प्रतिशत के ऐतिहासिक उच्च स्तर पर पहुंच गई है, जो चीन की कृषि क्षेत्र की विकास दर से भी अधिक है। हालांकि, विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कृषि में 5 प्रतिशत की वृद्धि हासिल करने की जरूरत है।

खाद्यान्न मांग केवल 2.5 फीसदी बढ़ रही

उन्होंने कहा, धीमी जनसंख्या वृद्धि के कारण घरेलू खाद्यान्न मांग सालाना केवल 2.5 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है। इसलिए भारत को या तो सरप्लस उत्पादन का निर्यात करना होगा या जैव ईंधन जैसे वैकल्पिक उपयोग ढूंढ़ने होंगे। भारत चीन की सघन कृषि पद्धतियों से सीख सकता है। चीनी किसान भारत की तुलना में दोगुने से भी अधिक उर्वरक का उपयोग करते हैं। विपरीत पर्यावरणीय परिणामों से भी बचते हैं।

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