तीन माह में चांदी के 17.35 लाख आभूषणों की हॉलमार्किंग, पायल और चांदी के दीये की सबसे ज्यादा मांग
मुंबई-अनिवार्य हॉलमार्किंग विशिष्ट पहचान (एचयूआईडी) के लागू होने के तीन महीनों के भीतर 17.35 लाख से अधिक चांदी के आभूषणों को हॉलमार्क किया गया है। यह जूलर्स और उपभोक्ताओं के बीच इसकी मजबूत स्वीकृति को दर्शाता है। 1 सितंबर, 2025 से सिल्वर हॉलमार्किंग योजना स्वैच्छिक रहेगी, लेकिन हॉलमार्क वाली किसी भी चांदी की वस्तु के लिए एचयूआईडी मार्किंग अनिवार्य कर दी गई है।
खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, चांदी के आभूषणों की हॉलमार्किंग में एचयूआईडी शुद्धता आश्वासन को मजबूत करने और नकली हॉलमार्किंग प्रथाओं को खत्म करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। स्वैच्छिक रूप से (बीआईएस) हॉलमार्क की गई चांदी की वस्तुओं पर एचयूआईडी अनिवार्य होने से प्रत्येक आभूषण पर एक विशिष्ट 6 अंकीय पहचान कोड होता है जो पूर्ण डिजिटल ट्रेसेबिलिटी और बेहतर उपभोक्ता संरक्षण को सक्षम बनाता है।
शुद्धता ग्रेड 925 और 800 सभी हॉलमार्क वाली वस्तुओं का लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा हैं। एचयूआईडी की शुरुआत के बाद इसमें उल्लेखनीय तेजी देखी गई है। 2024-25 में लगभग 32 लाख चांदी की वस्तुओं की हॉलमार्किंग की गई। देश का दक्षिणी क्षेत्र मात्रा के मामले में सबसे आगे है। उसके बाद पश्चिमी और पूर्वी क्षेत्र हैं। उत्पादों में पायल की सबसे बड़ी हिस्सेदारी है। इसके बाद चांदी के दीये आते हैं।

