एपल ने अमर सुब्रमण्या को AI टीम का वाइस-प्रेसिडेंट बनाया, मशीन लर्निंग रिसर्च को लीड करेंगे

मुंबई- एपल ने अमर सुब्रमण्या को अपने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का वाइस प्रेसिडेंट बनाया है। कंपनी ने उन्हे 1 दिसंबर को हायर किया है। सुब्रमण्या जॉन जियानैंड्रिया की जगह लेंगे, जो मई 2026 में रिटायर हो रहे है।

गूगल में सुब्रमण्या फाउंडेशन मॉडल्स, मशीन लर्निंग रिसर्च और एआई सेफ्टी टीम्स को लीड करेंगे और सॉफ्टवेयर टीम के हेड क्रेग फेडरिकी को रिपोर्ट करेंगे। एपल में सुयह हायरिंग सिलिकॉन वैली की टैलेंट वॉर का हिस्सा है, जहां टॉप इंजीनियर्स को हाई सैलरी और बोनस से लुभाया जा रहा है।

सुब्रमण्या 2009 से जुलाई 2025 तक 16 साल गूगल में काम किया। गूगल के AI असिस्टेंट जेमिनी के इंजीनियरिंग टीम को भी लीड किया। जुलाई में माइक्रोसॉफ्ट जॉइन किया, लेकिन 5 महीने से भी कम समय में माइक्रोसॉफ्ट छोड़ एपल में आ गए। अमर सुब्रमण्या भारतीय मूल के एआई रिसर्चर हैं। उनका जन्म बेंगलुरु में हुआ था। 2001 में बैंगलोर यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग (बीई) की डिग्री हासिल की। 2005-2009 के बीच सिएटल के यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन से कंप्यूटर साइंस में पीएचडी पूरी की।

शुरुआती करियर: ग्रेजुएट स्टडीज के दौरान माइक्रोसॉफ्ट रिसर्च में विजिटिंग रिसर्चर रहे। 2007 में माइक्रोसॉफ्ट रिसर्च ग्रेजुएट फेलोशिप मिली। 2001 में IBM में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में 10 महीने काम किया।

गूगल में काम: 2009 से 2025 तक 16 साल काम किया। स्टाफ रिसर्च साइंटिस्ट से शुरू करके इंजीनियरिंग वाइस प्रेसिडेंट तक पहुंचे। 2023 से गूगल के जेमिनी एआई असिस्टेंट के इंजीनियरिंग हेड रहे। गूगल में वे डीपमाइंड टीम का हिस्सा भी थे।

माइक्रोसॉफ्ट: जुलाई 2025 में कॉर्पोरेट वाइस प्रेसिडेंट ऑफ एआई के रूप में जॉइन किया। फाउंडेशन मॉडल्स और कॉपिलॉट चैटबॉट पर काम किया। सिर्फ 5 महीने रहे।

एपल की AI जर्नी में कई रुकावटें आई हैं। अक्टूबर 2024 में लॉन्च हुए एपल इंटेलिजेंस में प्रॉब्लम्स सामने आईं। जैसे नोटिफिकेशन समरी में फेक हेडलाइंस बनीं- एक संदिग्ध की सुसाइड, स्पोर्ट्स में जल्दबाजी जीत और नेतन्याहू की अरेस्ट जैसी गलत खबरें। इससे यूजर्स नाराज हुए और लीगल केस भी बने।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *