आरबीआई का अब तक का सबसे बड़ा सुधार, 5,673 सर्कुलर को किया निरस्त

मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक ने अब तक का सबसे बड़ा सुधार किया है। कुल 9,445 सर्कुलरों को या तो मास्टर डायरेक्शन में शामिल किया गया या अप्रासंगिक मानकर हटाया गया। इनमें से 3,809 को 244 मास्टर डायरेक्शंस में शामिल किया गया। 5673 सर्कुलर निरस्त कर दिए गए। पिछले छह महीने से केंद्रीय बैंक इसकी समीक्षा कर रहा था। इसमें कुछ 80 साल पुराने सर्कुलर भी थे। अब सर्कुलर शब्द का इस्तेमाल नहीं होगा। इन्हीं दिशा-निर्देशों में संशोधन होता रहेगा।

आरबीआई के डिप्टी गवर्नर शिरीष चंद्रा मुर्मू ने बताया, हजारों सर्कुलर और दिशा-निर्देशों को मिलाकर कुल 244 मास्टर दिशा-निर्देश तैयार किए गए हैं। इसमें डिजिटल बैंकिंग दिशा-निर्देश भी शामिल हैं, जिनका लंबे समय से इंतजारथा। इसे बैंकिंग सिस्टम को आधुनिक और सरल बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। विनियमित संस्थानों के लिए अनुपालन लागत कम होगी। बैंक, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां, पेमेंट बैंक, स्मॉल फाइनेंस बैंक, ग्रामीण बैंक व अन्य का अनुपालन बोझ काफी कम होगा। अभी तक इन सभी अलग-अलग पुराने सर्कुलरों को खंगालना पड़ता था। कई बार अलग-अलग नोटिफिकेशन एक दूसरे से टकराते थे। अब 244 मास्टर दिशा-निर्देश ही एकमात्र लाइब्रेरी होंगे, जिसे कोई भी आसानी से देख सकेगा।

यूपीआई, नेट बैंकिंग पर विस्तार से जारी होंगे दिशा-निर्देश

आरबीआई 7 नए डिजिटल बैंकिंग निर्देश जारी करेगा। यूपीआई, नेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, डिजिटल लेंडिंग और पेमेंट सेवाओं को लेकर विस्तार से दिशानिर्देश जारी होने की उम्मीद है। इससे डिजिटल इकनॉमी और सुरक्षित, पारदर्शी और मजबूत होगी।

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