आईपीएल के मूल्य में दो साल में 16,000 करोड़ की गिरावट, मीडिया और गेमिंग झटकों से टूटी रफ्तार
मुंबई– भारत की सबसे लोकप्रिय खेल लीग इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के मूल्यांकन में लगातार दूसरी बार गिरावट दर्ज की गई है। डीएंडपी एडवाइजरी की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में आईपीएल का मूल्य घटकर 76,100 करोड़ रुपये रह गया है, जबकि 2024 में यह 82,700 करोड़ रुपये था। यानी दो साल में लीग का मूल्य 16,000 करोड़ रुपये कम हो गया है।
रिपोर्ट बताती है कि इस गिरावट के दो प्रमुख कारण हैं—पहला, डिज्नी और स्टार के विलय के बाद मीडिया अधिकारों में प्रतिस्पर्धा का कम होना; दूसरा, रियल मनी गेमिंग (Real Money Gaming) पर सरकारी प्रतिबंध, जिसने स्पॉन्सरशिप आय पर सीधा असर डाला है।
2023 में आईपीएल का मूल्यांकन 92,500 करोड़ रुपये के शिखर पर था और अनुमान लगाया गया था कि 2027 तक यह 40–50 प्रतिशत तक बढ़ सकता है। लेकिन नीतिगत बदलावों और स्पॉन्सरशिप में कमी से यह अनुमान धराशायी हो गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि रियल मनी गेमिंग पर बैन से लीग को हर साल लगभग 1,500 से 2,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। पहले गेमिंग कंपनियां प्रमुख प्रायोजक हुआ करती थीं, जिससे आय का बड़ा हिस्सा आता था।
विश्लेषकों के अनुसार, इस झटके का असर सिर्फ आईपीएल तक सीमित नहीं है। घरेलू खेल क्षेत्र को कुल मिलाकर करीब 7,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। हालांकि दर्शकों की रुचि अब भी बनी हुई है—2025 सीजन में टीवी और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर एक अरब से अधिक दर्शकों ने आईपीएल देखा।
महिला प्रीमियर लीग (डब्ल्यूपीएल) की स्थिति अपेक्षाकृत स्थिर रही है। इसका मूल्यांकन 2025 में 1,275 करोड़ रुपये आंका गया है, जो 2024 के 1,350 करोड़ रुपये से थोड़ा कम है। टीम वैल्यू के लिहाज से रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) सबसे आगे है, इसके बाद मुंबई इंडियंस, चेन्नई सुपर किंग्स, कोलकाता नाइट राइडर्स और गुजरात टाइटंस का स्थान है।