बीएसई-100 कंपनियों में सीईओ का वेतन बीते पांच वर्षों में 114 फीसदी बढ़ा

मुंबई-कॉरपोरेट में शीर्ष स्तर पर वेतन में जबरदस्त वृद्धि हो रही है। एओन की एक रिपोर्ट के अनुसार, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी बीएसई-100 कंपनियों के प्रमुखों का कुल फिक्स्ड वेतन पांच वर्षों में 114 फीसदी बढ़ा है। इस दौरान लंबे समय के प्रोत्साहन (एलटीआई) के बिना कंपनियों की कुल लागत (टीसीसी) में 156 फीसदी की वृद्धि हुई है।

रिपोर्ट के अनुसार, एलटीआई के साथ टीसीसी में 2019 से 108 फीसदी की तेजी देखी गई है। इससे पता चलता है कि उच्च प्रदर्शन वेतन की ओर स्पष्ट बदलाव दिख रहा है। हालांकि, कुछ क्षेत्रों में वेतन में काफी असमानता भी दिखी है। उदाहरण के तौर पर वित्तीय क्षेत्र के संस्थानों के सीईओ, विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों के अपने समकक्षों की तुलना में लगभग तीन गुना अधिक कमाते हैं। प्रौद्योगिकी, उपभोक्ता वस्तुएं और लाइफ साइंस क्षेत्र भी नेतृत्व क्षमता और नवाचार की बाजार मांग के कारण प्रतिस्पर्धी मुआवजा प्रदान करते हैं।

पेशेवर सीईओ को निश्चित वेतन, कम समय का प्रोत्साहन (एसटीआई) और एलटीआई के रूप में मिश्रण वाला वेतन मिलने की अधिक संभावना होती है। मुख्यतः विनियामक कारणों से प्रमोटर सीईओ स्टॉक लिंक्ड रिवॉर्ड के कम उपयोग के साथ निश्चित मुआवजे को पसंद करते हैं।

50 फीसदी निजी कंपनियां संस्थापकों को पेशेवर सीईओ से अधिक वेतन देती हैं। इसके पीछे का प्रमुख कारण भूमिका की जटिलता और क्रॉस फंक्शनल निरीक्षण होता है। 89% कंपनियां सीईओ के वेतन वृद्धि के लिए प्राथमिक आधार के रूप में बाजार के रुझान का उपयोग करती हैं। दीर्घकालिक प्रोत्साहनों का महत्व बढ़ रहा है। उदाहरण के दौर पर स्टॉक ऑप्शन 57 फीसदी के साथ सबसे प्रचलित एलटीआई साधन है।

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