95 करोड़ रुपये में खरीदा प्लॉट, सिर्फ छह महीने में 18 करोड़ का मुनाफा
मुंबई- इस साल जनवरी में एलिआंट एंटरप्राइजेज ने दिल्ली के वसंत विहार के पॉश इलाके में 1,280 वर्ग गज का एक प्लॉट 95 करोड़ रुपये में खरीदा था। अब इसे डेटाफॉरइंडिया के संस्थापक अखिल वाबले ने 113 करोड़ रुपये का खरीदा है। यानी सिर्फ छह महीने में एलिआंट एंटरप्राइजेज को 18 करोड़ का मुनाफा हुआ है। इस खरीद ने दोबारा राजधानी के सबसे महंगे रियल एस्टेट मार्केट पर ध्यान खींचा है।
यह मामला अकेला नहीं है। एलिआंट एंटरप्राइजेज का सौदा पहले से ही क्षेत्र के सबसे महंगे जमीन सौदों में से एक था। इसे जल्दी ही ज्यादा कीमत पर दोबारा बेचा गया। यह दिखाता है कि लोग सोच-समझकर पैसा लगा रहे हैं। फिर भले ही जमीन कानूनी रूप से फंसी हो। लेकिन, इससे अच्छा मुनाफा मिल रहा है। साउथ दिल्ली में रियल एस्टेट की जोरदार मांग है। मार्केट में बहुत कम जमीन आती है। खासकर वो मालिक जो अपनी प्रॉपर्टी बेचना चाहते हैं, उन्हें निवेशक और खरीदार दोनों ही ज्यादा कीमत देने को तैयार मिल जाते हैं।’
हाल ही में जीजीएफ ने नीति बाग में भी जमीन खरीदी है। नीति बाग साउथ दिल्ली की महंगी कॉलोनी है। यह दिखाता है कि संस्थाएं इस बाजार पर भरोसा कर रही हैं। साउथ दिल्ली का प्रॉपर्टी मार्केट सिर्फ अमीरों के लिए नहीं है। यह बहुत बड़ा है। जीजीएफ का अनुमान है कि एरिया की 42 कैटेगरी ए, बी और सी कॉलोनियों में रियल एस्टेट का कुल मूल्य 5.65 लाख करोड़ रुपये है। इन कॉलोनियों में 125 से 1,750 वर्ग गज के लगभग 18,446 प्लॉट हैं। यहां जमीन की कीमत औसतन 6-15 लाख रुपये प्रति वर्ग गज है।
इसमें 13 कैटेगरी ए कॉलोनियों में 3,704 प्लॉट हैं। इनमें गोल्फ लिंक्स, चाणक्यपुरी, शांति निकेतन, वेस्टेंड, वसंत विहार और जोर बाग आते हैं। इसके अलावा, 27 कैटेगरी बी कॉलोनियों में लगभग 12,720 प्लॉट हैं। इनमें पंचशील पार्क, ग्रीन पार्क, ग्रेटर कैलाश और नीति बाग शामिल हैं।
दक्षिण दिल्ली के महंगा होने की कई वजह हैं। सप्लाई सीमित है। ज्यादातर प्लॉट पहले से ही बने हुए हैं। बहुत कम प्लॉट बाजार में आते हैं। खरीदारों की जोरदार मांग है। अमीर परिवार अभी भी इन इलाकों में रहना चाहते हैं। वे सिर्फ पैसा नहीं लगा रहे हैं। यहां संस्थागत दिलचस्पी भी है।