दूरसंचार विभाग ने टाटा कम्युनिकेशन को भेजा 7,827 करोड़ रुपये का नोटिस
नई दिल्ली। दूरसंचार विभाग ने समायोजित सकल राजस्व यानी एजीआर बकाया पर टाटा कम्युनिकेशंस को 7,827 करोड़ रुपये का कारण बताओ सहित मांग नोटिस भेजा है। विभाग ने 17 जुलाई को भेजे नोटिस में कहा, एजीआर का यह मामला 2005-06 से 2023-24 तक का है।
टाटा कम्युनिकेशंस के प्रबंध निदेशक एएस लक्ष्मीनारायण ने कहा, 30 जून 2025 तक कंपनी को 7,827.55 करोड़ रुपये का नोटिस मिला है। इन्हें समय के साथ संशोधित किया गया है। मांग नोटिस में आईएसपी (इंटरनेट सेवा प्रदाता) लाइसेंस के तहत 2010-11 के लिए और एनएलडी (राष्ट्रीय लंबी दूरी) लाइसेंस के तहत 2006-07 और 2009-10 के लिए भुगतान के आधार पर कंपनी की ओर से दावा की गई कटौती की अस्वीकृति के लिए 276.68 करोड़ रुपये शामिल हैं।
टाटा कम्युनिकेशंस के पास अपने आईएलडी (अंतर्राष्ट्रीय लंबी दूरी), एनएलडी और आईएसपी लाइसेंस से संबंधित मौजूदा अपीलें हैं जो पहले दायर की गई थीं और सुप्रीम कोर्ट और दूरसंचार न्यायाधिकरण टीडीसैट में लंबित हैं। लक्ष्मीनारायण ने कहा, कंपनी की अपीलें यूएएसएल नामक पुरानी दूरसंचार लाइसेंस व्यवस्था के तहत एजीआर पर 24 अक्तूबर, 2019 के सुप्रीमकोर्ट के फैसले के दायरे में नहीं आती हैं।
लक्ष्मीनारायण ने कहा, उसके सभी लाइसेंस यूएएसएल से अलग हैं। कंपनी अपने आकलन और स्वतंत्र कानूनी राय के आधार पर अपनी स्थिति का बचाव करने में सक्षम होगी। सरकार की प्रारंभिक गणना के अनुसार, दूरसंचार ऑपरेटरों पर वित्त वर्ष 2018-19 तक कुल 1.65 लाख करोड़ रुपये का एजीआर बकाया था।