देश के अमीर और ज्यादा हो रहे धनवान, एक फीसदी के पास 11.6 लाख करोड़ डॉलर की संपत्ति

मुंबई- देश के अमीर और ज्यादा धनवान होते जा रहे हैं। शीर्ष एक प्रतिशत अति अमीर परिवारों के पास लगभग 11.6 लाख करोड़ डॉलर की कुल संपत्ति है। इसमें से लगभग 2.7 लाख करोड़ डॉलर तरल वित्तीय संपत्तियों में हैं। इनकी बढ़ती वित्तीय परिसंपत्तियां धन प्रबंधन फर्मों के लिए बड़े अवसर पैदा कर रही हैं।

बर्नस्टीन की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत के सबसे धनी परिवार और भी अधिक अमीर होने वाले हैं। इससे धन प्रबंधकों की संख्या में जबरदस्त वृद्धि देखी जा रही है। इन अमीरों की तरल संपत्तियों में बैंक जमा और गैर-प्रवर्तकों के इक्विटी शेयर शामिल हैं। भारतीय परिवार धीरे-धीरे अपनी बढ़ती बचत और धन का ज्यादा हिस्सा वित्तीय संपत्तियों में स्थानांतरित कर रहे हैं।

भारत के पूंजी बाजारों में तेजी भी इस प्रवृत्ति में योगदान दे रही है। अति धनवान लोग आईपीओ और ब्लॉक डील के जरिये प्रमोटर होल्डिंग्स को तरल वित्तीय संपत्ति में बदल रहे हैं। ये लोग पूंजी बाजार में तेजी का फायदा उठा रहे हैं। साथ ही, स्टार्टअप इकोसिस्टम से धनी व्यक्तियों का एक नया वर्ग उभर रहा है। इसमें संस्थापक और शुरुआती कर्मचारी शामिल है। इनसे उच्च मूल्य वाले व्यक्तियों (एचएनआई) की संख्या और तेजी से बढ़ रही है।

अत्यधिक धनी लोगों का यह बढ़ता समूह अपने बढ़ते वित्तीय पोर्टफोलियो के प्रबंधन के लिए अब तेजी से पेशेवर सलाहकार की सेवा ले रहा है। हालांकि, सलाहकार बाजार में अभी भी असंगठित कंपनियों और पारंपरिक बैंकों का ही दबदबा है। 2.7 लाख करोड़ डॉलर के तरल वित्तीय परिसंपत्ति में विशेष धन प्रबंधकों की हिस्सेदारी अभी केवल 11 प्रतिशत है। ये विशेष कंपनियां अपने व्यापक उत्पाद पेशकशों और अनुभवी प्रबंधकों द्वारा प्रदान की जाने वाली व्यक्तिगत सेवाओं के कारण विकास की अच्छी स्थिति में हैं।

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