वरिष्ठ नागरिकों के स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर खत्म हो सकता है जीएसटी, मिलेगी राहत
नई दिल्ली। वरिष्ठ नागरिकों को राहत मिलने की उम्मीद है। जीएसटी परिषद स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर कर को हटाने की योजना बन रही है। मंत्रियों के एक पैनल ने इन पर पूरी तरह से जीएसटी छूट का सुझाव दिया है। इसके साथ ही सभी टर्म लाइफ बीमा प्रीमियम पर भी कर को खत्म किया जा सकता है। ऐसा होता है तो इससे लाखों लोगों की बचत होगी। बुजुर्गों और मध्यम वर्ग के बीच बीमा अपनाने को बढ़ावा मिलेगा।
वस्तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी परिषद लंबे समय से इस योजना पर विचार कर रहा है। टर्म लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम और हर स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी पर फिलहाल 18 प्रतिशत जीएसटी लगता है। मंत्रियों के पैनल ने सिफारिश की है कि टर्म लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम में सभी पॉलिसीधारकों को राहत मिलनी चाहिए, चाहे उनकी उम्र कुछ भी हो। जबकि वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम में राहत मिले।
सूत्रों ने बताया, इसके अलावा अन्य लोगों के लिए पांच लाख रुपये तक के कवरेज वाली पॉलिसी भी जीएसटी मुक्त हो सकती हैं। जीएसटी परिषद की अगली बैठक में इस योजना पर चर्चा होने की उम्मीद है।
वरिष्ठ नागरिक स्वास्थ्य बीमा के लिए सालाना अगर 50,000 रुपये का भुगतान करते हैं तो उनको 18 फीसदी का जीएसटी देना होता है। इस आधार पर अगर कर हटाया जाता है तो 9,000 रुपये की बचत हो सकती है। इस कर को कम करने से ऐसी पॉलिसियों की कीमत कम हो जाती है। अगर जीएसटी हटाया जाता है तो इससे सरकार को सालाना 2,600 करोड़ रुपये का घाटा हो सकता है। सरकार को स्वास्थ्य बीमा से 2,400 करोड़ और टर्म लाइफ इंश्योरेंस से 200 करोड़ रुपये का टैक्स मिलता है। हालांकि, परिषद जीएसटी स्लैब में अन्य संशोधनों के जरिये इसकी भरपाई करने का प्रस्ताव कर रही है।
इस कदम का समर्थन भारतीय बीमा विकास विनियामक प्राधिकरण (इरडाई) ने भी किया है। इसका मानना है कि इस टैक्स से बीमा की पहुंच प्रभावित हो रही है। हालांकि, अभी तक जीएसटी परिषद की कोई तारीख घोषित नहीं की गई है, पर यह प्रस्ताव जीएसटी परिषद की अगली बैठक में पेश किया जाएगा, जो संभवतः अगले संसद सत्र से पहले आयोजित की जाएगी।

