बैंकों के डिजिटल चैनल पर तीसरी पार्टी के उत्पादों की नहीं होगी जानकारी, मसौदा जारी

मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई ने बैंकों के डिजिटल चैनलों पर तीसरे पक्ष के उत्पादों और सेवाओं को प्रदर्शित करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस संबंध में सोमवार को मसौदा जारी किया गया। इस पर संबंधित पक्षों से 11 अगस्त तक राय मांगी गई है। साथ ही, बैंकों को जोखिम आधारित लेनदेन निगरानी और निगरानी तंत्र स्थापित करना होगा।

आरबीआई ने कहा, बैंक अपनी किसी संस्थाओं या प्रमोटर की संस्थाओं की भी जानकारी डिजिटल चैनल पर नहीं दे सके। हालांकि, रिजर्व बैंक ने समय-समय पर विशेष अनुमति में यह प्रतिबंध लागू नहीं होगा। ग्राहक लेनदेन व्यवहार पैटर्न का अध्ययन और असामान्य लेनदेन की निगरानी को बैंक की धोखाधड़ी जोखिम प्रबंधन नीति के अनुसार प्रणालियों में शामिल किया जा सकता है।

मसौदे में कहा गया है कि मोबाइल बैंकिंग सेवा (मोबाइल एप्लिकेशन के अलावा) देने वाले बैंकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी मोबाइल नेटवर्क ऑपरेटरों के ग्राहक इस सेवा का लाभ उठा सकें। बैंक अपनी नीतियों के अनुसार उचित जोखिम समाधान उपाय लागू करेंगे। जैसे लेनदेन सीमा एवं जोखिम की धारणा के आधार पर धोखाधड़ी की जांच करना आदि।

बैंकों को डेबिट कार्ड जैसी किसी अन्य सुविधा के लिए ग्राहक को किसी भी डिजिटल बैंकिंग चैनल को चुनना अनिवार्य नहीं बनाना चाहिए। हालांकि, कुछ सेवाओं को एक साथ चुनना अधिक सुविधाजनक हो सकता है, लेकिन डिजिटल बैंकिंग सुविधाओं के लिए आवेदन करने का विकल्प ग्राहक के पास होगा।

बैंकों को डिजिटल बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने के लिए ग्राहकों से स्पष्ट सहमति लेनी होगी। इसका विधिवत रिकॉर्ड किया जा सकता है। बैंकों को लेन-देन संबंधी बैंकिंग सुविधा शुरू करने के लिए रिजर्व बैंक की पूर्व स्वीकृति लेनी होगी। बैंक बोर्ड के प्रस्ताव के साथ लेनदेन बैंकिंग सुविधा शुरू करने के लिए आरबीआई के क्षेत्रीय कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं।

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