सरकारी बैंकों से 15 दिन में मिलेगा एजुकेशन लोन, स्कूलों में जाएगी सीधे रकम

मुंबई- पढ़ाई के लिए कर्ज लेने वालों के आवेदन की प्रक्रिया को अब एक महीने के बजाय सरकारी बैंकों को 15 दिन में पूरा करनी होगी। चाहे उसे खारिज करें, या मंजूर करें, दोनों स्थितियों में इतना ही समय दिया जाएगा। हालांकि, इसके लिए वरिष्ठ अधिकारी की मंजूरी लेनी होगी और आवेदक को स्पष्ट रूप से इसकी जानकारी देनी होगी। बैंकों को इसके लिए केंद्रीयकृत क्रेडिट प्रक्रिया की व्यवस्था बनानी होगी।

शिक्षा ऋण आवेदनों की प्रक्रिया में देरी पर चर्चा करने के लिए पिछले दो महीनों में बैंकों के साथ कई बैठकें हुई हैं। हालांकि, कर्ज को मिलने वाली मंजूरी उचित दस्तावेज, सहआवेदक या गारंटर की उपस्थिति और अन्य पात्रता कारकों पर निर्भर रहेगी। ऋणदाताओं द्वारा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि निर्णय तीन से पांच कार्य दिवसों के भीतर किए जाएं। प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए बैंकों को केवल भारतीय बैंक संघ (आईबीए) की मॉडल शिक्षा ऋण योजना के तहत सूचीबद्ध दस्तावेजों पर ही ध्यान केंद्रित करने को कहा गया है।

मंत्रालय चाहता है कि आवेदक कर्ज की पात्रता को पूरा करता है तो कर्ज की रकम सीधे किस्तों में शैक्षणिक संस्थानों को ही दी जाए। बैंकों को मई तक सभी लंबित आवेदनों को निपटाने और विस्तृत स्थिति रिपोर्ट देने का भी निर्देश दिया गया है। कुछ मामलों में कर्ज मंजूर तो हो गए लेकिन सही दस्तावेज न होने के कारण वितरण रोक दिया गया। उन मामलों को भी फास्ट ट्रैक पर रखा गया है।

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